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VIDEO: मेरठ में आलू के भाव में उछाल नहीं मिले बच्चों को स्वेटर सर्दी के मौसम में स्कूल में आने वाले बच्चों को दिए जाने वाला स्वेटर नवंबर आधा बीत जाने के बाद भी नहीं मिल पाए हैं। जिस कारण नौनिहाल ठंड में मात्र एक शर्ट में स्कूल जाने को मजबूर हैं। अधिकारी बोलने से बच रहे हैं और बच्चे कह रहे हैं कि उनको स्कूल आने में ठंड लगती है, लेकिन मजबूरी है। क्या करें स्कूल तो आना ही है।
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VIDEO: मेरठ के मंशा देवी मंदिर में आ रहे हैं तो इनसे रहें सावधान बीएसए कर रहे हैं ये दावा मेरठ में अभी तक स्कूल में स्वेटर नहीं बंटे हैं। बीएसए गजेन्द्र सिंह का कहना है कि कुछ स्कूलों में सर्दी के स्वेटर बांट दिए गए हैं, लेकिन ‘पत्रिका’ की पड़ताल में दावे बिल्कुल विपरीत ही दिखे। वीडियो में आधे से अधिक बच्चे बिना स्वेटर के ही स्कूल में बैठे नजर आए। जबकि जिन बच्चों ने स्वेटर पहने हुए थे वे उनके पुराने साल के स्वेटर थे। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों की सेहत के लिए कितना संवेदनशील है।
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मरीज के मौत के बाद अस्पताल में हंगामा, देखें वीडियाे सभी स्कूलों में एेसा हाल यह सरकार इसकी बानगी वीडियो में दिखाई देती है। जिस स्कूल का ये वीडियो है ये मेरठ शहर के ही निगम क्षेत्र का है। जहां से बीएसए कार्यालय की दूरी महज तीन किमी से भी कम है। सोचिए जब शहर में स्थित प्राथमिक स्कूल में पढने वाले नौनिहालों की यह दशा है तो बाकी जिले के स्कूलों की क्या हालत होगी। नौनिहालों के पास सर्दी से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सर्दी अपने पूरे शबाब पर है। ऐसे में अगर इन बच्चों के स्वास्थ्य को कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।