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फिर गरमाई मुजफ्फरनगर की सियासत, भाजपा और रालोद आमने-सामने इस दौरान महिलाओं ने सरकार के प्रति रोष जताते हुए कहा कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह पीछे हटने वाली नहीं हैं। उन्होंने राकेश टिकैत को भरोसा दिलाया कि उनकी एक आवाज पर महिलाएं गाजीपुर बॉर्डर ही नहीं, जहां वे कहेंगे, वहां पहुंचेंगी। महिलाओं का कहना था कि हम रोज अपने गांव से यहां आएंगे और आंदोलन कर रहे अपने भाइयों और चाचा, ताऊ के लिए दूध, घी और मठ्ठा भी लाएंगे। यहीं हलवा भी बनेगा और खीर भी बनेगी। महिलाओं ने कहा कि यूपी और हरियाणा में तो सरकार अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाली। इन सरकारों ने किसानों की राह में गड्ढे खोदे हैं, इस बात को हमारी कई पुश्तें भूलने वाली नहीं हैं। किसान आंदोलन तो होते रहे हैं पर किसी भी सरकार ने किसानों के साथ ऐसा सलूक नहीं किया, जैसा वर्तमान सरकारें कर रही हैं।
महिलाओं ने कहा कि इस पार्टी ने धोखे से वोट ली है, अब चुनाव आन दो, देखंगे यह पार्टी कैसे वोट लेती है। हालांकि इस दौरान महिलाओं के साथ बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं अपने रोष को दबाने की स्थिति में नहीं दिख रही थीं।
राकेश टिकैत ने उनसे कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। आंदोलन ठीक चल रहा है। आज नहीं तो कल सरकार को हमारी मांगें माननी पड़ेंगी। टिकैत ने महिलाओं से उनके घर के काम-धाम की भी बात की तो इस पर उन्होंने कहा कि घर का काम बालक संभाल रे हैं। उसकी चिंता तम न करो। उन्होंने कहा कि हम पीछे न हटने वाले। हम टिकैत साहब के साथ हैं और रहंगे।