वहीं इन संस्थानों में जो कांट्रैक्ट फैकल्टी है, उनके प्रदर्शन को देखा जाएगा। अगर प्रदर्शन बेहतर न रहा तो पहले चेतावनी दी जाएगी। चेतावनी के बाद भी प्रदर्शन अच्छा नहीं हुआ तो उन्हें निकाल दिया जाएगा।
आपको बता दें कि दिवाली के पहले केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ा रहे लगभग साढ़े सात लाख प्राध्यापकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया था। इस मामले में HRD मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में देश की सर्वोच्च प्रतिभाओं को आकर्षित करना चाहती है, इसलिए उन्हें अच्छा वेतन देकर आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया था जिसने इस बात की संस्तुति की है कि देश के विकास में शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करने के लिए उन्हें बाजार के मुताबिक़ वेतन दिया जाना आवश्यक है।