जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथ बड़ी सफलता, अभी-अभी ठोक दिए दो आतंकी असम ( Assam ) के पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ( Parimal Suklabaidya ) ने बताया कि सरकार आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही है। हालांकि आग अब तेजी से गांवों में फैलती जा रही है। इससे गांवों के करीब 6 लोग घायल हो गए हैं।
वहीं, OIL ने एक बयान जारी कर कहा, “विशेषज्ञ टीम के साथ आपातकालीन बैठकें चल रही हैं। उन्होंने बताया है कि यह काम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण है और विश्वास है कि स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और कुएं को सुरक्षित ढंग से ढका जा सकता है।”
बयान में आगे लिखा गया, “इन हालात में मात्रा में पानी की व्यवस्था, बेहद तेजी से पानी फेकने वाले पंपों को लगाने के सात ही मलबे को हटाने की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञों के अनुसार सभी चीजें सुव्यवस्थित होने में लगभग चार सप्ताह लगेंगे। इस समय सीमा को यथासंभव कम करने का प्रयास किया जाएगा।”
इस बीच असम ( Assam ) के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ( Sarbananda Sonowal ) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मामले पर चर्चा की है। केंद्र सरकार ने सोनोवाल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सोनोवाल ने उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवेरी को घटनास्थल पर पहुंचने और स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया। उन्होंने आग बुझाने के लिए वायुसेना के विमानों के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया।
Unlock में ओडिशा की हवाई पट्टी शुरू होते ही बड़ा हादसा, विमान क्रैश होने से दो पायलट की मौत मीडिया से बातचीत में सोनोवाल ने कहा, “स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस, सैन्य, अर्ध-सैन्य बल और एनडीआरएफ मौके पर मौजूद हैं।” उन्होंने कहा, “मैंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को घटना से अवगत कराया और उनसे आग और विस्फोट को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है। भारतीय वायु सेना ( IAF ) (आईएएफ) भी आग पर काबू पाने में भूमिका निभा सकती है और मैंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इसके बारे में पूछा है।”
सोनोवाल ने संबंधित इलाके और तिनसुकिया ( Tinsukia ) शहर के निवासियों से कहा है कि घबराएं नहीं और राज्य सरकार ने सभी मदद का आश्वासन दिया है। डिब्रू साइकखोवा नेशनल पार्क ( Dibru Saikhowa National Park ) और मागुरी मोट्टापंग वेटलैंड के नजदीक स्थित घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर कुएं से धुआं निकलता देखा जा सकता है।
OIL के वरिष्ठ प्रबंधक ( कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस ) जयंत बोरमुदोई ने कहा, “यहां पर दोपहर 1:40 बजे आग लग गई। हादसे का कारण अभी तक पता नहीं चला है। तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) के मामूली रूप से घायल एक फायरमैन के अलावा कोई और घायल नहीं हुआ।”
देश भर में कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टरों को मिलने वाली सैलरी को लेकर बड़ा खुलासा उन्होंने कहा, “जब आग लगी तो साइट पर विशेषज्ञ मौजूद नहीं थे। वे दुलियाजान में OIL दफ्तर में बैठक में मौजूद थे। इस क्षेत्र के निवासियों के लिए फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इन्हें पहले से ही कुएं से 1.5 किमी के दायरे से दूर स्थानांतरित कर दिया गया है।” इस विस्फोट के बाद कुएं के पास रहने वाले लगभग 2,000 लोगों को चार राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इस बीच, स्थानीय निवासियों ने दो सप्ताह तक आपदा को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए ओआईएल को दोषी ठहराते हुए साइट के नजदीक विरोध शुरू कर दिया है। OIL ने राज्य सरकार से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कहा है ताकि विशेषज्ञ और अधिकारी आग और विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए साइट पर पहुंच सकें।
बागजान स्थित तेल के कुएं में बीते 27 मई को उस वक्त आग लग गई थी, जब 3,729 मीटर की गहराई पर एक नए तेल और गैस जलाशय से गैस बनाने का काम चल रहा था।