बता दें कि 6 अगस्त से इस मसले पर रोजाना सुनवाई जारी है। इस मामले में हफ्ते में पांच दिन केस को सुना जा रहा है। अभी तक निर्मोही अखाड़ा के वकील, रामलला विराजमान और मुस्लिम पक्षकारों के वकील अपना पक्ष रख चुके हैं।
सीजेआई रंजन गोगोई बोले- अनुच्छेद 370 पर बाद में होगी सुनवाई अदालत ने मांगे थे सबूत बुधवार को आखिरी सुनवाई में अदालत ने रामलला के वकील से कई सवालों के जवाब मांगे। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने इस दौरान पूछा कि मंदिर तोड़ने के लिए आदेश बाबर या उसके सेनापति ने ही दिए थे। इसके क्या सबूत हैं? अदालत की ओर से राम जन्मभूमि का दावा करने वाले सबूतों का भी हवाला मांगा था।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति-पीएम समेत कई विवादित स्थान ही राम का जन्मस्थान रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने अपने तर्कों में पुराण, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि रामजन्मभूमि और मंदिर के साथ करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी है।
राम लला के वकील ने इस बात को भी अदालत में उठाया कि मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले भी ये माना जा चुका है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर था।
तमिलनाडु सरकार ने इसरो के चेयरमैन के. सिवन को ‘कलाम पुरस्कार’ से नवाजा 5 सदस्यीय पीठ कर रही है सुनवाई बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है। इस पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर भी शामिल हैं।