पवनगढ़ किले की प्राचीर के आस-पास के इलाकों की खुदाई में मिले 400 से अधिक तोप के गोले
ये गोले अलग-अलग वजन के हैं
इनमें से कई 100 ग्राम के तो कई सात किलो के भी हैं
cannon balls in maharashtra more than 400 chhatrapati shivaji maharaj
महाराष्ट्र । कोल्हापुर जिले के पवनगढ़ किले के आस-पास के इलाकों की वन विभाग की एक टीम पिछले एक हफ्ते से खुदाई कर रही है। गुरुवार को खुदाई के दौरान वहां 400 से भी ज्यादा तोप के गोले बरामद हुए । जानकारों का मानना है कि ये गोले 16वीं-18वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी के शासनकाल के दौरान के हैं। खुदाई में मिले गोले को देखकर पुरातत्व विभाग भी हैरत में है।
लिंगराज मंदिर के पास हुई खुदाई में मिली वो अनमोल चीज, देख लोग हो गए हैरान!सात किलो के हैं गोले वन विभाग के अधिकारी ने बताया दुर्ग के आस-पास पर्यटकों के लिए साइनबोर्ड लगाने के लिए स्थलों की खुदाई कराई जा रही थी। इसी दौरान उन्हें यह गोले मिले।ये गोले अलग-अलग वजन के हैं। इनमें से कई 100 ग्राम के तो कई सात किलो के भी हैं। उन्होंने बताया कि इन गोलों को आयताकार बक्से में जमीन के तीन फीट नीचे गड्ढों में रखा गया था। आगे खुदाई जारी रखने पर इस तरह के और भी गोले मिलने की संभावना है।
शिव मंदिर के पास खुदाई में मिली सोने जैसी अनोखी चीज, लोग मान रहें चमत्कारदो दिनों में मिले 406 गोले वहीं पवनगढ़ किले में काम कर रहे एक अधिकारी ने बताया, ‘पहला गोला मिलने के बाद जब हमलोगों ने सुनियोजित ढंग से खुदाई प्रारंभ की तो और भी गोले मिलते गए और दो दिनों में 406 तोप के गोले बरामद किए गए हैं। जिन्हें पनहला स्थित पुरालेख विभाग के पास जमा करा दिया गया है। अब हमारे साथ पुणे से आर्कियोलॉजिस्ट का एक दल भी काम कर रहा है। बता दें पवनगढ़ के किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज ने कराया था। यह किला घने जंगलों के बीच पनहला दुर्ग से एक किलोमीटर पूर्व में मौजूद है।