कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में नई समस्या दरअसल, देश में 19 लाख से ज्यादा कोरोना (COVID-19 in India) मरीज ठीक हो चुके हैं। लेकिन, डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग कोरोना महामारी से उनमें ज्यादातर मरीजों में थकान, सांस लेने में दिक्कत, खून के थक्के बनना, स्ट्रोक के साथ-साथ फेफरों की परेशानी हो रही है। इस खबर ने सरकार से लेकर डॉक्टर्स और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में एक हॉस्पिटल से कोरोना मरीज ठीक होकर अपने घर चला गया था। लेकिन, कुछ समय बाद ही वह सांस की समस्या लेकर वापस हॉस्पिटल पहुंच गया। सांस की शिकायत के बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। डॉक्टर का कहना है कि पीड़ित मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था, जिसके कारण उसकी स्थिति बिगड़ गई थी। शारदा हॉस्पिटल प्रवक्ता का कहना है कि मरीज जुलाई में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ था, लेकिन अगस्त में उसे दोबारा भर्ती करना पड़ा। हालांकि, उसकी कोरोना रिपोर्ट (corona Report) निगेटिव आई है। वहीं, सर गंगाराम अस्पताल ( Sir Ganga Ram Hospital ) के सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ. अरूप बसु का कहना है कि COVID-19 से सीधे फेफड़ों पर असर पहुंचता है। उन्होंने कहा कि कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी फेफरों पर इसका असर रहता है। डॉक्टर बसु ने कहा कि यहां भी एक मरीज को एक महीने पहले डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन उसे दोबारा सांस लेने में दिक्कत होने लगी। फिलहाल, वह ICU में भर्ती है। इस तरह की शिकायत मिलने से डॉक्टर्स को टेंशन है कि कहीं ज्यादातर लोगों का फेफरा खराब न हो जाए। क्योंकि, उसका इलाज करना काफी कठिन है। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना मरीजों में दोबारा संक्रमण फैलने का भी पूरा खतरा है। लिहाजा, इस तरह की समस्या से मुश्किलें बढ़ गई है।
26 लाख के करीब कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा गौरतलब है कि भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा (corona cases in India) 26 लाख के करीब पहुंच चुका है। इनमें 6,76,900 केस एक्टिव हैं। वहीं, 19,19,842 लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं। जबकि, 50,921 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 57 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। आलम ये है कि यह आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है।