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ICMR और NIV ने कहा, कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स के खिलाफ लड़ सकती है Covaxin की बूस्‍टर डोज

कोरोना से जंग के बीच देश में तेजी से चल रहा वैक्सीनेशन अभियान, महज आठ दिन में लगीं 4.61 करोड़ खुराक

Jun 30, 2021 / 10:21 am

धीरज शर्मा

Covaxin booster dose can fight with various coronavirus varirant says ICMR and NIV

Covaxin booster dose can fight with various coronavirus varirant says ICMR and NIV

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की दूसरी लहर भले ही काफी कमजोर पड़ गई हो, लेकिन अब भी तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। डेल्टा प्लस वेरिएंट ( Delta Plus Variant ) के फैलाव से इसको लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं। हालांकि कोरोना को काबू करने के लिए देशभर में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन ( Vaccination ) अभियान चलाया जा रहा है। खास बात यह है कि वैक्सीनेशन के मामले में भारत ने विश्व रिकॉर्ड भी बना लिया है। हालांकि अब भी लोगों के मन में सवाल है कि क्या वैक्सीन उन्हें कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट से बचा पाएगा।
वहीं इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) और नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोवैक्सिन ( Covaxin ) की बूस्‍टर डोज कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट पर असरदार साबित हो सकती है।
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देश भर में लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाने के लिए बड़े स्‍तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कोविशील्‍ड, कोवैक्सिन और स्‍पूतनिक वी कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) लगाई जा रही हैं। लेकिन अब लोगों को मन में शंकाएं हैं कि क्या कोरोना की वैक्सीन उन्हें अलग-अलग वेरिएंट से बचा सकती है। ऐसी शंकाओं के बीच आईसीएमआर और एनआईवी ने बड़ी राहत दी है।
एनआईवी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोवैक्सिन की बूस्‍टर डोज लगाकर कोरोना वायरस के बदलते वेरिएंट को मात दी जा सकती है।

एनआईवी की वैज्ञानिक प्रिया अब्राहम के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ बूस्‍टर डोज देने को लेकर कुछ देशों में रिसर्च चल रही है।इसी तरह के शोध को लेकर भारत भी विचार कर रहा है।
कब लगेगी बूस्टर डोज
शोध के मुताबिक बूस्‍टर डोज किसी वैक्‍सीन की शुरुआती दो डोज के बाद लगाई जानी है। यानी करीब साढ़े तीन महीने बाद। दरअसल सरकार ने वैक्सीन की दो खुराक के बीच 84 दिनों का अंतर रखा है। वहीं दोनों खुराक लगने के करीब 15 दिन बाद ही बूस्टर डोज लगाई जा सकती है।
हर वर्ष लग सकती है बूस्टर डोज
अब्राहम ने यह भी संभावना जताई है कि शायद इस बूस्‍टर डोज को नियमित अंतराल जैसे एक साल या दो साल बाद लोगों को आवश्‍यक रूप से देनी पड़ी।
8 दिन में 4.61 करोड़ खुराकें दी गईं
देश में कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है। बीते दिन यानी 29 जून को सरकार की ओर से ये बताया गया कि 21 जून से देश में वैक्सीनेशन अभियान और तेज गति से आगे बढ़ा है। महज 8 दिन में देश में 4.61 करोड़ खुराक दी गई हैं।
जो इराक में 4.02 करोड़, कनाडा में 3.77 करोड़, सऊदी अरब में 3.48 करोड़ और मलेशिया में 3.23 करोड़ की आबादी से भी ज्यादा हैं।

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रोजाना दिए गए 57.68 लाख डोज
यही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में बीते आठ दिनों में रोजाना औसतन 57.68 लाख वैक्सीन डोज दिए गए हैं। जो फिनलैंड की 55.41 लाख, नॉर्वे की 54.21 लाख और न्यूजीलैंड की 48.22 लाख की आबादी से ज्यादा है।
दरअसल देश में 21 जून से प्रभावी कोविड-19 टीकाकरण के नए संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक केंद्र देश में निर्मित 75 फीसदी वैक्सीन डोज खरीदेगा।

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