नई दिल्ली। इस्तांबुल में आयोजित डेफ ओलंपिक में भाग लेकर लौटे भारतीय खिलाड़ी काफी नाराज हैं। नाराजगी इतनी अधिक है कि इन लोगों ने एयरपोर्ट के बाहर आने से मना कर दिया है। दरअसल इन खिलाड़ियों और उनके सपोर्ट स्टॉफ को इस बात का दुख है कि इस्तांबुल में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद खेल मंत्रालय की तरफ ना तो कोई अधिकारी उनकी अगवानी के लिए आया है और ना ही उनके सम्मान में किसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यहां तक की खेल मंत्रालय का कोई अधिकारी उनसे बात तक करने के लिए राजी नहीं है।
भारतीय खिलाड़ी को मांगना पड़ा था भीख
भारतीय पैरा-एथलीट कंचनमाला पांडे को विदेश में भीग मांगने को मजबूर होना पड़ा। कंचनमाला पांडे बर्लिन में पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गई थीं। आरोप है कि यहां कंचनमाला के पास कोई पैसा नहीं था।केंद्र सरकार खिलाडिय़ों के लिए पर्याप्त पैसा देती है। पैरा एथलीट कंचनमाला नेत्रहीन हैं, मगर तैराकी में वह अपना एक अलग मुकाम रखती हैं। यही वजह रही सरकार ने पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए उन्हें बर्लिन भेजा था। वल्र्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में क्वालिफाई करने वाली वह अकेली महिला तैराक हैं। कंचनमाला ने इस चैंपियनशिप में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता। इसके साथ ही उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वक्वालिफाई कर लिया।
प्रोजेक्ट मैनेजर केतन शाह ने कहा कि देश का नाम रोशन करने वालों के लिए न ही सरकार की तरफ से और न ही खेल मंत्रालय की तरफ से हमारे स्वागत के लिए कोई आया। अगर कोई उनकी बात नहीं सुन सकता तो वो अपने मेडल लौटा देंगे।
जीते हैं पांच मेडल
इन गेम्स में एक गोल्ड समेत भारत को पांच पदक मिले हैं। खिलाडिय़ों का कहना है कि अगर कोई उनकी बात नहीं सुन सकता तो वो अपने मैडल लौटा देंगे। इस्तांबुल में संपन्न हुए डेफ ओलंपिक में देश की तरफ से करीब 46 भारतीय खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था। इन्होंने एयरपोर्ट के बाहर आने से मना कर दिया।