गाड़ियों के नहीं चलने से प्रदूषण हुआ कम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 मार्च को देश भर में लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद से सड़कों पर निजी वाहनों का चलना लगभग बंद हो गया है। सिर्फ जरूरी सामानों की सप्लाई करने वाले वाहनों को ही सड़कों पर चलने की अनुमति है। साथ ही साथ पूरे देश में निर्माण कार्यों पर रोक है। इससे पूरे देश के साथ-साथ दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है।
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वेबसाइट एक्यूआईसीएन डॉट ओआरजी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बीते छह सालों में सबसे बेहतर स्तर पर पहुंच गया है। आलम यह है कि दिल्ली-एनसीआर के सबसे प्रदूषित माने जाने वाले बाहरी दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक्यूआई 13 तक पहुंच गया है, जो 27 मार्च को दिल्ली में सबसे साफ हवा को दर्शाता है।
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फसलों की खराब होने की आशंका
समूचे एनसीआर में एक्यूआई कही भी 63 से अधिक नहीं मापा गया है। इसके अलावा पूरे एनसीआर में पीएम 2.5, पीएम 10, ओ3, एनओ2, एसओ2 और सीओ की मात्रा बेहतर या अच्छी पाई गई है। एक्यूआई में आए इस बदलाव के पीछे सड़कों पर वाहनों की कमी के अलावा बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश भी हो रही है। हालांकि इससे लोगों को परेशानी हो रही है और जरूरी सामानों की आवाजाही में दिक्कत हो रही है। साथ ही साथ खेतों में पड़ी फसलों के खराब होने की भी आशंका है।
पिछले दिनों राजधानी में बढ़ा था प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई बीते छह साल में सबसे बेहतर है। अगर हम बीते छह साल के आंकड़ों की बात करें तो 2014 में मार्च के अंतिम सप्ताह का एक्यूआई 130 से 180 के बीच रहा था। इसी तरह 2015 में यह 90 से 140 के बीच रहा था। 2016 में स्थिति खराब थी, क्योंकि इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में एक्यूआई 115 से 190 के बीच था।
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अगर 2017 की बात की जाए तो इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में एक्यूआई 130 से 190 के बीच था, जबकि 2018 और 2019 में यह 100 से 180 के बीच था। शुक्रवार को भी दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश दर्ज की गई, लेकिन अगले एक सप्ताह में बारिश का अनुमान नहीं है। इससे एक्यूआई का स्तर बढ़ सकता है। लेकिन अभी जो हालात हैं, उनमें दिल्ली-एनसीआर के लोग घर में ही सही, लेकिन खुलकर सांस ले पा रहे हैं।