देशभर में मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इससे भी बड़े खतरे को लेकर आगाह किया है। वैज्ञानियों का कहना है कि डेंगू के प्रकोप से कोरोना संकट बढ़ सकता है और अगर ऐसा हुआ तो मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मरीजों को संभालना मुश्किल हो जाएगा।
दरअसल डेंगू के बढ़ने के चलते कोरोना संकट का खतरा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है दोनों ही बीमारियों के एक जैसे लक्षण का होना। जैसे दोनों ही वायरस से संक्रमित होने पर तेज बुखार आता है और सिर व शरीर में दर्द होता है। लेकिन इसके लिए अलग-अलग टेस्ट कराने पड़ते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो डेंगू की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए कोरोना बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है। दोनों बीमारियों के साथ आने से मरीजों की संख्या तो बढ़ेगी ही, मृतकों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ेगा।
विषाणु विज्ञानी शाहीद जमील का कहना है कि, 2016-19 के डाटा के आधार पर हर साल लगभग एक से दो लाख डेंगू के मामले मिलते हैं। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम ( NVBDCP ) के मुताबिक 2019 में 1 लाख 36 हजार 422 डेंगू के मामले साने आए थे। जबकि 132 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।