किसान आंदोलन में बढ़ती किसानों की तादाद
फडणवीस ने राज्य की विधानसभा में कहा कि केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध ज्यातार लोग राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री हर्षवर्धन पाटिल की अगुवाई में यह समिति बनाई गई थी लेकिन वे अब इसकी विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार पर हमला करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा की राज्य सरकार के अंदर अंहकार कूट-कूट कर भरा है। इसकी सीधा उदाहरण अर्णब गोस्वामी और एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ हुई कारवाई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी इनके विचारों से इत्तेफाक नहीं रखती है।
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फड़णवीस ने कहा कि पिछले संप्रग का मानना था कि किसानों को अपनी मर्जी के हिसाब से अपनी उपज बेचने की आजादी होनी चाहिए, जो सरकार द्वारा बनाए नए नियमों से संभव हैं। उन्होंने आगे कहा कि
कृषि सुधारों के क्रियान्वयन के संबंध में साल 2010 में सभी राज्यों के मंत्रियों की एक समिति बनाई गई थी, ताकि किसानों के सामने प्रतिस्पर्धी और वैकल्पिक विपणन प्रणाली हो। लेकिन जब सरकार ने इनमें सुधार किया तो सबके इसके विरोध में आ गए।
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बता दें किसान पिछले 20 दिनों से दिल्ली की सीमा पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का ये आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई में बदल गया है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार कानून वापसी को तैयार नहीं है और हम उनसे ऐसा करवाकर ही रहेंगे।