कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठे ये डॉक्टर्स NMC बिल 2019 का विरोध कर रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर NMC बिल बिना संशोधन के पेश होता है तो वो अपनी हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रखेंगे।
रेजिडेंट चिकित्सकों के इमरजेंसी सेवाओं सहित सभी सेवाओं से हट जाने के कारण गुरुवार को एम्स सहित सरकारी अस्पतालों की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं। चिकित्सक ऐसा नेशनल मेडिकल कमीशन ( NMC Bill ) विधेयक का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे नीम-हकीमों को बढ़ावा मिलेगा।
इस हड़ताल का आह्वान एनएमसी विधेयक के खिलाफ किया गया है, जिसे गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाना है।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) के अलावा इस हड़ताल से पड़ोसी सफदरजंग अस्पताल व दिल्ली के मध्य में स्थित राममनोहर लोहिया अस्पताल भी बुरी तरह प्रभावित है।
तीनों अस्पतालों में से खास तौर से एम्स व सफदरजंग में पूरे देश से हर रोज हजारों मरीज पहुंचते हैं।
उन्नाव केस में सुनवाई से लेकर कश्मीर में फोर्स की तैनाती तक इन खबरों पर रहेगी नजर
सफदरंजग अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रकाश ठाकुर ने कहा कि अगर विधेयक ( NMC Bill ) राज्यसभा में पारित हो जाता है तो हम अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे। हर्षवर्धन ने बुधवार की रात किए गए एक ट्वीट में लोगों व मेडिकल बिरादरी को भरोसा दिया था कि विधेयक ऐतिहासिक साबित होता है।
आईएमए ने विधेयक ( NMC Bill ) को ‘क्रूर’ व ‘जन विरोधी’ बताया है। इसने एनएमसी विधेयक की धारा 32 को लेकर चिंता जताई गई है। यह धारा 3.5 लाख गैर चिकित्सक लोगों या सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं को मॉर्डन मेडिसीन के प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस देगी।