CBI निदेशक नियुक्ति: सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को किया खारिज, कहा- सभी मापदंडों का हुआ पालन
सीबीआई डायरेक्टर की दौड़ मे शामिल थे जावीद अहमद
आपको बता दें कि जावीद अहमद सीबीआई के नए निदेशक बनने की दौड़ में शामिल थे। लेकन शनिवार की शाम को आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला के नाम का ऐलान किया गया। जिसके बाद वाट्सएप ग्रुप पर उनकी नियुक्ति का लेटर डाल दिया। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जावीद ने ये बातें लिखी। बता दें कि लखनऊ से चलाए जा रहे इस वाट्सएप ग्रुप को आधिकारिक रूप से आईपीएस अधिकारियों ने स्वयं नहीं बनाया है लेकिन इसमें यूपी के 100 से अधिक आईपीएस अधिकारी जुड़े हुए हैं। इस वाट्सएप ग्रुप का नाम आईपीएस ऑफिसर रखा गया है। बताया जा रहा है कि जावीद अहमद ने ये मैसेज शनिवार शाम 5:40 पर लिखा, हालांकि कुछ देर बाद इसे डिलीट भी कर दिया। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि जब इस बारे में जावीद अहमद से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ-साफ इनकार कर दिया और ऐसे किसी भी तरह का मैसेज लिखने से भी इनकार किया है।
1983 बैच के IPS अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला CBI के नए निदेशक नियुक्त
मल्लिकार्जुन खड़गे ने जताई थी आपत्ति
आपको बता दें कि ऋषि कुमार शुक्ला की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इस बाबत पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था। अपने पत्र में काग्रेस ने दावा किया है कि ऋषि कुमार शुक्ला को एंटी करप्शन जांच का अनुभव नहीं है। उन्होंने आगे लिखा है कि कांग्रेस की ओर से इस पद पर जावीद अहमद के नाम का प्रस्ताव रखा था। लेकिन सरकार ने आखिरकार ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया निदेशक बना दिया है। बता दें कि ऋषि कुमार शुक्ला की यह नियुक्ति कैबिनेट की सिफारिश पर की गई है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 4 ए (1) के अनुसार गठित समिति द्वारा अनुशंसित पैनल के आधार पर, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को नियुक्ति को मंजूरी दी। सरकारी आदेश में कहा गया है कि निदेशक-केंद्रीय जांच ब्यूरो कार्यालय के प्रभार ग्रहण करने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए है।
पीएमओ ने खारिज किया कांग्रेस का आरोप
बता दें कि खड़गे के आरोपों पर पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि पीएम मोदी को लिखे चिट्ठी में लगाए गए आरोप सही नहीं है। जितेंद्र सिंह ने उल्टा खड़गे पर ही आरोप लगाया कि वे अपनी प्राथमिकता के आधार पर नए सीबीआई के नाम को सिफारिश करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पत्र में जो भी आरोप लगाए गए हैं वह पूर्णत: निराधार और तथ्यहीन है। सीबीआई निदेशक की नियुक्ति सभी मापदंड़ों को ध्यान में रखते हुए और उसका पालन करते हुए किया गया है।