अहमदाबाद में एक कार्यक्रम पहुंचे में गोपालकृष्ण गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर सरकार ने अलग तरह से आर्थिक नीति अपनाई होती तो कोरोना से काफी बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वर्तमान में देश में आर्थिक नीति है, उसके कारण शहरीकरण का मामला बढ़ रहा है और लोग शहरों की ओर आने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंन कहा कि आर्थिक नीति पर दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अभी देश की अर्थव्यवस्था है, उसके कारण औद्योगिकीकरण और शहरीकरण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में एक बड़ी आबादी इधर से उधर शिफ्ट हो रही है। किसान शहरों की ओर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शहरों की आबादी बढ़ रही है, ऐसे में कोरोना का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है।
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Weather Forecast: तेलंगाना और हैदराबाद में बेहद खतरनाक हालात, कई राज्यों में मौसम ने ली अंगड़ाई आर्थिक नीति पर सरकार को सोचने की जरूरत गोपालगृष्ण गांधी ने कहा कि तकरीबन एक सौ साल बाद यह महामारी आई है। लेकिन, यह किसे मालूम है कि हर साल एक नया वायरस आ जाए। उन्होंने कहा कि इस सबका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ता है, जो पर्व-त्योहार के दौरान ना तो सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हैं और ना ही मास्क लगाते हैं। इतना ही नहीं साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखते हैं। लिहाजा, सरकार को इस पूरे मामले पर विचार करने की जरूरत है।