ITLOS में भारत की धाक
जून में भारत की नीतू चंद्रा पहली ऐसी भारतीय महिला बनीं जिसे समुद्री कानून के अंतर्राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल(आईटीएलओएस) के जज के रूप में चुना गया,इन्हे 2017 से 2026 तक के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है। उसी समय भारत को, यूएन के छह प्रमुख अंगों में से एक, आर्थिक और सामाजिक परिषद के चुनाव के लिए 183 वोट मिले। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एंटोनियो गुटेरेस द्वारा वैश्विक नेताओं के लिए स्थापित ‘सर्किल ऑफ लीडरशिप’ से जुड़े।
दरकिनार हुआ पाक
जहां एक तरफ भारत को संयुक्त राष्ट्र में नयी उड़ान मिल रही थी ,वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को लगातार दरकिनार किया जा रहा था। पाकिस्तान लगातार यूएन में कश्मीर मुद्दा उठाता रहा लेकिन पिछले कई वर्षों की तरह इसबार भी विश्व बिरादरी ने उसे नजरअंदाज कर दिया। यह भी संभवत भारत की ही जीत है, क्योंकि भारत ने कई बार कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान का वैश्विक रूप से बहिष्कार करने की मांग की है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के लिए भी यह साल महत्वपूर्ण रहा। वर्ष के शुरुआत में इस संस्थान को एक नया प्रमुख मिला। पुर्तगाल के राजनेता एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद संभाला। जिस वक्त उन्होंने कार्यभार संभालना था, उस समय संस्थान नार्थ कोरिया के परमाणु इच्छा, म्यांमार के रोहिंग्या मुसलामानों जैसे मुद्दों से जूझ रहा था।