खास बात ये है कि इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में अमरीकी नौसेना का निमित्ज ( USS Nimitz ) कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रहा है, यूएसएस निमित्ज युद्धपोत दुनिया का बड़ा शक्तिशाली युद्धपोत माना जाता है जो बेहद घातक हथियारों से लैस है।
एन-95 मास्क को लेकर आई सबसे बड़ी खबर, केंद्र सरकार ने जारी की चेतावनी, ये मास्क कोरोना वायरस से नहीं बचा सकता भारत ने अपने लड़ाकू विमान जगुआर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तैनात किया है। दरअसल ये इलाका मलक्का जलडमरूमध्य से गुजरने वाले चीन के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों पर हावी रखने के खास है।
भारत का अमरीकी नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास करना और फिर लड़ाकू विमानों को तैनात करना एक रणनीतिक निर्णय हो सकता है। इससे ड्रैगन को कड़ा संदेश देने की कोशिश है।
दरअसल दोनों सेनाओं का यह संयुक्त अभ्यास एक पासिंग एक्सरसाइज था, जिसमें परमाणु-शक्ति से लैस यूएसएस निमित्ज और उसके तीन युद्धपोतों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अभ्यास किया गया।
आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर में चीन अपने आक्रामक व्यवहार को दिखा रहा है। यही वजह है कि उसके पड़ोसी देशों को इससे काफी परेशानी हो रही है।
इस संयुक्त अभ्यास को चीन के लिए भारत और अमरीका का कड़ा संदेश माना जा रहा है गौरतलब है कि अमेरिका ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज को हिंद महासागर में भेजकर ड्रैगन को अलर्ट किया है।
यूएसएस निमित्ज को दुनिया का बड़ा और सबसे ज्यादा घातक हथियारों से लैस विमानवाहक युद्धपोत माना जाता है। इस पर परमाणु हथियारों के साथ ही अत्याधुनिक सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमानों की भी तैनाती है।
निमित्ज के अलावा अमरीका ने गाइडेड-मिसाइल क्रूजर यूएसएस प्रिंसटन, मिसाइल डेस्ट्रॉयर यूएसएस स्टेरेट और यूएसएस राल्फ जॉनसन के साथ भारतीय युद्धपोत आईएनएस राणा, आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस शिवालिक और मिसाइल कोरवेट आईएनएस कमोर्टा के साथ अभ्यास किया।