ऐसे में सरकार ने रेल कोच और स्टेडियम के बाद अब केरल में हाउस बोट को आइसोलेशन सेंटर बनाना शुरू कर दिया है। केरल सरकार ने अब आइसोलेशन सुविधा को बढ़ाने के लिए हाउस बोट का सहारा लिया है।
कोरोना से जंग के बीच जानिए क्यों पीएम मोदी को याद आए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए केरल सरकार ने दो हजार हाउसबोटों (नाव में बने घर) को आइसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू कर दिया है। इन आइसोलेशन सेंटर का असर देखने को भी मिल रहा है। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या पर काफी हद तक काबू भी कर लिया गया है।
लॉकडाउन के बाद भी कारगर
इन हाउस बोट का इस्तेमाल उन परिस्थितियों में किया जा सकता है, जब अगर विमान सेवा शुरू होती हैं। तब अगर लोगों का बाहर से आना फिर शुरू होगा, तो पहले उन्हें इन्हीं बोट में कुछ वक्त के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा।
अलाप्पुझा में 140 हाउस बोट तैयार
केरल सरकार की कोशिश है कि इन हाउस बोट का उपयोग करके करीब 2000 बेड की व्यवस्था की जाए। शुरुआती तौर पर अभी अलाप्पुझा में 140 हाउस बोट को तैयार किया जा रहा है।
राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर हाउस बोट के मालिकों ने हामी भरी है और अपनी बोट का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, देश के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार इन सभी बोट को वेंबंन्दु के पास खड़ा किया जाएगा, जहां पर 700 बोट खड़े करने की क्षमता है। इन्हीं 700 हाउस बोट में 2000 बेड की व्यवस्था हो सकती है। दरअसल यही वो इलाका है, जहां पर देश में कोरोना वायरस का दूसरा मामला सामने आया था। जिले में 700 लाइसेंस प्राप्त हाउसबोट हैं और कुछ छह कमरों वाली डबल डेकर नौकाएं हैं। फिल्म उद्योग और कुछ व्यापारियों के भी कुट्टनाड में अपने हाउसबोट हैं।
जिला अधिकारी के मुताबिक अब तक हमने कई तरह की तैयारियां की हैं ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके। हमने अब लगातार हाउस बोट की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। इन बोट का इस्तेमाल किसी भी स्थिति में किया जा सकता है, देश के लिए ये एक मॉडल बन सकता है।
केरल हाउसबोट के महासचिव ने कहा कि हम अपनी नौकाओं को सरकार को सौंपकर खुश हैं। अधिकांश नौकाएं बंद हैं क्योंकि पिछले दो महीनों में कोई पर्यटन गतिविधियां नहीं हुई हैं। आपको बता दें कि ये पहले मौका नहीं है जब सरकार ने ऐसा फैसला लिया हो, इससे पहले रेलवे कोच और स्टेडियम को भी आइसोलेशन सेंटर में बदला जा चुका है।