इस बार कोरोना स्प्रेड ( Coronavirus spread ) से बचने के लिए मथुरा, वृंदावन, जगन्नाथ पुरी, अवधपुरी, इस्कॉन मंदिर, गुरुवायुर मंदिर सहित देश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में आम लोगों का प्रवेश वर्जित रहेगा।
पूजा अर्चना व कृष्ण लीला पहले की तरह होगा हालांकि जन्माष्टमी पर कुष्ण महोत्सव से जुड़ी सभी गतिविधियों को पूरा किया जाए। अधिकांश मंदिर प्रबंधन ने इस अवसर पर मंदिरों के लोगों के प्रवेश ( Entry ban in temple ) पर पाबंदी लगा दी है। केवल सीमित संख्या में मंदिर प्रबंधन व पूजा अर्चना से जुड़े लोगों व भजन—कीर्तन के लिए कुछ लोगों को ही मंदिर प्रांगण में प्रवेश देने की योजना है।
Krishna Janmashtami 2020 : टॉप 10 प्लेस जहां भगवान कृष्ण के दर्शन तकदीर वालों को होते हैं मंदिर प्रबंधन से लेकर आम लोग तक यही कहते नजर आ रहे हैं कि भले ही राम मंदिर भूमि पूजन के दीवली मनी लेकिन जन्माष्टमी पर मथुरा ( Mathura ) रहेगी खाली। यानि अधिकांश बड़े मंदिरों के द्वार इस आम लोगों के बंद होंगे।
इन सावधानियों पर दिया जा रहा है जोर इस बार भगवान कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना स्प्रेड से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) का पालन पूरी तरह से किया जाएगा। मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि मंदिर प्रशासन के साथ हुई वार्ता के बाद श्री कृष्ण जन्मस्थान को 10 से 13 अगस्त तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला लिया है। इस फैसले का मकसद जन्माष्टमी मनाने से लोगों को रोकना नहीं है, बल्कि कोरोना महामारी से लोगों को बचाना है।
Supreme Court को सफाई मंजूर नहीं, अब प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में होगी सुनवाई भीड़ के जमा होने पर रोक यानि इस बार जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की नगरी में सन्नाटा रहेगां पिछले वर्षों की तरह इस बार देश-विदेश के कृष्ण भक्त मथुरा नहीं पहुंच पाएंगे। दरअसल, कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने जिले में कृष्ण जन्माष्टमी पर होने वाले सार्वजनिक आयोजनों और कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
इसी तरह देश के अधिकांश बड़े मंदिरों के प्रबंधकों ने बैठक के बाद अपने फैसलों में बताया है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर के पुजारियों, प्रबंधक को भी कोविड-19 की गाइडलाइन अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना होगा। साथ ही सेनिटाइजर की व्यवस्था भी करनी होगी। मंदिर में प्रवेश की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को होगी जिन्हें मंदिरों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
Nitin Gadkari big statement : COVID-19 से देश को लगा 30 लाख करोड़ का झटका, ‘आर्थिक जंग’ के लिए रहें तैयार ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था अवध की नगरी लोग भी जन्माष्टमी पर भगवान के ऑनलाइन ही दर्शन (Online viewing ) कर सकेंगे। हालांकि इस साल जन्माष्टमी पर हमेशा की तरह प्पन भोग चढ़ेगा और खोये का केक भी कटेगा। झांकियां भी सजेंगी, लेकिन ज्यादातर जगहों पर लोग ऑनलाइन ही ये झांकियां देखेंगे।
इसी तरह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी कान्हा के जन्म के बाद रात डेढ़ बजे होने वाली आरती के वक्त भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां भी कोरोना वायरस के चलते सख्त कदम उठाए गए हैं।
इस बार इस आरती में सिर्फ मंदिर के सेवाधिकारी ही शामिल होंगे। मंदिर के सेवाधिकारियों की ओर से बताया गया कि बांके बिहारी जन्माष्टमी पर पीली पोशाक पहनेंगे। इस्कॉन मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना वायरस का असर दिखाई दे रहा है। यहां मंदिर के अंदर ही रहने वाले अधिकतम 50 लोग जन्मोत्सव में हिस्सा ले सकेंगे। सेवाधिकारी और ब्रहृमचारी ही पूजा, अर्चन, अभिषेक, भजन और कीर्तन में शामिल होंगे। बाहर के सभी दरवाजे बंद रहेंगे।
Social Distancing पर सख्ती से अमल गृहमंत्रालय की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी स्थान पर 20 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगी हुई है। वहीं कंटेनमेंट जोन में तो दो से अधिक लोग ही एकत्र नहीं हो सकते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार भी सरकार के इन्हीं निर्देश के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया जाएगा। जिन भी मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा वहां संख्या सीमित रहेगी। श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। श्रद्धालु श्रीकृष्ण की झांकियों के दर्शन दूर से ही करेंगे।
मंदिरों में सैनिटाइज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा ये सुनिश्चत होना चाहिए कि किसी भी तरह का स्पर्श आदि न हो