Lockdown: कोरोना से लड़ाई ही नहीं भविष्य के लिए भी पेड़ हैं जरूरी
- नामी पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा ( Peepal Baba ) ने पौधरोपण की अपील की।
- लॉकडाउन ( Lockdown ) को अवसर समझकर इस दौरान पेड़ लगाना बेहतर।
- सरकार को चाहिए मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन में पेड़ लगाना शामिल करें।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर ( Coronavirus outbreak ) से देश को बचाने के लिए लागू लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के दौरान तकरीबन सभी गतिविधियां बंद सी हो गई हैं। ऐसे संकट के वक्त में जब पर्यावरण ( Environment ) काफी साफ हो चुका है, इसे अवसर बनाकर भविष्य के स्वच्छ पर्यावरण की नींव रखने का वक्त है, जिसका हर व्यक्ति को फायदा उठाना चाहिए। इसके लिए पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका है और यह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी जरूरी हैं।
यह कहना है लॉकडाउन के दौरान भी पर्यावरण संवर्धन अभियान में जुटे देश के नामी पर्यावरणकर्मी प्रेम परिवर्तन यानी पीपल बाबा ( Peepal Baba ) का। देश के 18 राज्यों के 202 जिलों में 2 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगा चुके पीपल बाबा की टीम का कोरोना महामारी के दौरान भी वृक्षारोपण का कार्य निरंतर जारी रहा। गिव मी ग्रीन ट्रस्ट के संस्थापक पीपल बाबा कहते हैं कि इस महामारी के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अगर हर व्यक्ति एक-एक पेड़ लगाए और मानसून तक उनकी देखभाल करे, तो आने वाले वक्त में भारत को स्वच्छ पर्यावरण मिल सकता है।
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उन्होंने कहा कि फिलहाल औद्योगिक गतिविधियां कम या नहीं हो पा रही हैं, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर भी कम हो रहा है। इस संकट की घड़ी को पेड़ लगाकर एक अवसर में तब्दील कर लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि स्वच्छ भारत मिशन में स्वच्छ पर्यावरण की भी हिस्सेदारी होनी चाहिए और मनरेगा के तहत पेड़ लगाओ अभियान को भी गति दी जा सकती है।
Never uproot grass from the soil #soil #grass pic.twitter.com/2lUsNIusXk
— Peepal Baba (@PeepalBaba) May 18, 2020
1977 से पेड़ लगाओ अभियान की शुरुआत करने वाले पीपल बाबा कहते हैं कि धरती पर बढ़ रहे ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण से बचाने के लिए पेड़ लगाने का अभियान भी हमें जारी रखना है। जैसे डाक्टर, सफाईकर्मी, पुलिस कर्मी, प्रशासन और सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं के लोग कोरोना योद्धा के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं, वैसे ही हमारे पर्यावरण योद्धाओं ने अपना काम करना जारी रखा।
कोरोना से लड़ने में पेड़ हैं सहायक
पीपल बाबा के मुताबिक पेड़ अर्थव्यवस्था की रीढ़ होने के साथ ही लकड़ी, फल, फूल, औषधि, उद्योगों के लिए कच्चे माल का जरिया हैं। अपने जीवन काल में वृक्ष करोड़ों रुपये की ऑक्सीजन देते हैं और उद्योगों से वातावरण में जो गंदगी (CO2) आती है उसे अवशोषित करते हैं।
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कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी जरूरी है। सभी को पता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास शुद्ध वातावरण में ही होता है। पेड़ों के बिना शुद्ध वातावरण की परिकल्पना अधूरी है।
How to get high quality soil for plants at no cost? #trees pic.twitter.com/2vk88uA6r4
— Peepal Baba (@PeepalBaba) May 15, 2020
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