फिलहाल सभी प्रवासियों के राज्यवार और जिलेवार रजिस्ट्रेशन की जरूरत है। अदालत ने कहा कि उसे राज्यों में इनके लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी चाहिए। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ( Solisiter General Tushar Mehta ) ने कहा कि अब तक करीब एक करोड़ प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया गया है।
कोरोना संकट के बीच हुआ बड़ा खुलासा, अब आपका ब्लड ग्रुप बताएगा आपको कोविड से कितना है खतरा इनमें से करीब 41 लाख मजदूरों को सड़क मार्ग और 57 लाख मजदूरों को ट्रेनों के जरिये उनके राज्य तक भेजा जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने जब सुनवाई के दौरान पूछा कि अभी कितने मजदूर देशभर में फंसे हुए हैं तो वकील ने इस सवाल पर कोई आंकड़ा पेश नहीं कर पाए। यही वजह रही कि सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह सब बहुत वक्त से चल रहा है। हम 15 दिन का समय दे सकते हैं कि राज्य ट्रेनों की अपनी डिमांड पूरी कर सकें।
मेहता ने कहा कि अधिकतर ट्रेनों का संचालन उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ हुआ है। मेहता ने गुरुवार को दायर हलफनामे के आधार पर कहा कि रेलवे ने 3 जून तक 4,228 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। उन्होंने कहा कि लगभग एक करोड़ लोग अपनी मंजिल तक पहुंचे हैं।
अकेले यूपी में भेजी गई 1695 ट्रेन
मेहता ने बताया कि सबसे ज्यादा ट्रेनें 1695 उत्तर प्रदेश के लिए भेजी गई हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 4200 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि हम लगातार राज्यों से संपर्क में हैं। प्रवासियों के मामले में राज्य सरकारें ही कोर्ट को सही संख्या के बारे में बता सकती हैं।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, मौसम विभाग ने जारी की 10 से ज्यादा राज्यों में बारिश की चेतावनी उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें अदालत को बता सकती हैं कितने प्रवासियों को अभी घर पहुंचाना है और इसके लिए कितनी ट्रेनों की आवश्यकता पड़ेगी। राज्यों ने एक चार्ट तैयार किया है