scriptअब ब्लड ग्रुप बताएगा कोरोना से खतरा, शोध में हुआ खुलासा | Now blood group will reveal danger from corona new research Finds | Patrika News

अब ब्लड ग्रुप बताएगा कोरोना से खतरा, शोध में हुआ खुलासा

Published: Jun 05, 2020 05:37:26 pm

A Blood Group वालों में ज्यादा होता है Coronavirus का खतरा
नए Research में हुआ खुलासा
Germany और Norvey के Scientist ने किया Research

New research on coronavirus

ब्लड ग्रुप बताएगा किन लोगों को होता है कोरोना का ज्यादा खतरा

नई दिल्ली। पूरा विश्व इस वक्त कोरोना वायरस ( coronavirus ) के संकट से जूझ रहा है। हर देश में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन ( Corona Vaccine ) बनाने की कोशिशें जारी हैं। दुनियाभर में इस महामारी से 66 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। जबकि इस घातक वायरस की वजह से साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यही वजह है कि कोरोना बीमारी को लेकर कई तरह के शोध भी किए जा रहे हैं।
ऐसा ही एक शोध ( Research ) सामने आया है जिसमें ये बताया गया है कि कोरोना वायरस कौन से ब्लड ग्रुप ( Blood Group ) के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। ये शोध जर्मनी ( Germany ) और नॉर्वे ( Norvey ) के वैज्ञानिकों ( Scientist ) ने किया है। हालांकि इसे अभी तक किसी जरनल में प्रकाशित नहीं किया गया है।
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कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच लगातार कई देशों में इस बीमारी से निपटने और इसके लक्षणों को लेकर शोध हो रहे हैं। ऐसा ही एक शोध सामने है जो बताता है कि ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जबकि बाकी ब्लड ग्रुप को संक्रमित होने में थोड़ा अधिक वक्त लगता है।
मानव जीनोम से हुआ खुलासा
शोधकर्ताओं को मानव जीनोम में दो बिंदुओं का पता चला है, जो कि कोविड-19 के रोगियों में सांस लेने में तकलीफ के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं।

इन बिंदुओं में से एक जीन है, जो ब्लड ग्रुप को निर्धारित करता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बल्ड ग्रुप ए वाले अधिकतर लोगों को इस दौरान वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत की संभावना होती है।
इस शोध के प्रमुख लेखक और कील विश्वविद्यालय में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर आंद्रे फ्रांके के मुताबिक यह साफ नहीं है, कि कैसे किसी विशेष ब्लड ग्रुप या फिर वंशानुगत आधार पर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है।
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आंद्रे ने कहा, ‘हम ये नहीं बता सकते कि ये खतरा ब्लड ग्रुप से जुड़ा है या फिर उन अनुवांशिक परिवर्तनों से जो ब्लड ग्रुप से जुड़े हैं।
हमने ब्लड ग्रुप को प्रॉक्सी के तौर पर इस्तेमाल किया और ब्लड ग्रु ए वालों के लिए 50 फीसदी ज्यादा जोखिम और O ग्रुप वालों के लिए 50 फीसदी कम जोखिम का अनुमान लगाया है।
ब्लड ग्रुप को लेकर ये पहला शोध नहीं है इससे पहले अमरीका और चीन में इस तरह के शोध सामने आ चुके हैं। खास बात यह है कि इन दोनों ही जगहों से आए शोध में भी इस बात का खुलासा हुआ था कि A ब्लड ग्रुप वालों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है।
इन लोगों पर हुए शोध
इटली और स्पेन के अस्पतालों से शोधकर्ताओं ने 1610 मरीजों के सैंपल एकत्र किए थे। ये सैंपल उन लोगों के थे, जिन्हें या तो ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी या फिर वेंटिलेटर की।
कोविड-19 निगेटिव ब्लड सैंपल से तुलना
इन सैंपलों को एकत्र करने के बाद इनकी जांच शुरू की गई। जांच में जो कुछ भी सामने या उसकी तुलना 2205 ब्लड सैंपल से की गई। ये उन लोगों के सैंपल थे, जिन्हें कोविड-19 नहीं था।

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