इस बीच एक बड़ी खबर आई है कोरोना वायरस का असर अब भारत मिशन गगनयान ( Mission Ganganyaan ) पर भी पड़ा है। रूस में लॉकडाउन की वजह से चार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग भी रोक दी गई है।
कोरोना संकट के बीच लालू प्रसाद के लिए आई राहत की खबर, आ सकते हैं जेल से बाहर भारती अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO ) ने चंद्रयान-2 ( Chandrayaan-2 ) के बाद मिशन गगनयान ( Mission Gaganyaan ) पर काम शुरू कर दिया था। इसके तहत चार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को रूस में ट्रेनिंग के लिए भी भेजा गया था। लेकिन 2019 के अंत में आए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इसका असर मिशन गगनयान पर भी पड़ा है।
12 महीने तक चलेगी ट्रेनिंग
ISRO ने पिछले साल जुलाई में अपने एस्ट्रोनॉट्स को ट्रेनिंग देने के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लॉवकॉस्मोस से समझौता किया था। इसके तहत वायुसेना से चुने गए एक ग्रुप कैप्टन और तीन विंग कमांडर को ट्रेनिंग के लिए इस साल रूस भेजा गया था।
12 महीने का ट्रेनिंग प्रोग्राम खासतौर पर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
पुणे की नर्स छाया से पीएम मोदी की बातचीत को लेकर हुआ खुलासा, सामने आई बड़ी वजह! एक नजर मिशन गगनयान परइसरो के करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लागत के अनुमान वाले मिशन गगनयान के तहत तीन एस्ट्रोनॉट्स को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष पर भेजने की तैयारी चल रही है। इसका अंतिम निर्णय टेस्ट फ्लाइट के बाद लिया जाएगा कि अंत में कितने लोग भेजे जाएंगे।
इन एस्ट्रोनॉट्स को लॉ अर्थ ऑरबिट में भेजा जायेगा। यह धरती से 2,00 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अधिकतर सैटेलाइट इसी ऑरबिट में भेजे जाते हैं।