सरकार की नीतियों पर सवाल
एनजीटी ने सरकार द्वारा पानी के छिड़काव को भी गलत ठहराया। कहा कि पेड़ों पर पानी का छिड़काव करने से प्रदूषण उस पर चिपक जाता है। जिससे पेड़ पौधों का जीवन खतरे में पड़ जाता है। एनजीटी ने फटकार लगाते हुए कहा कि किसी को भी मनमर्जी की छूट देना कोई मजाक नहीं है। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार से से 4000 उन बसों के बारे में भी पूछा जो आने वाली थी।
एनजीटी ने लगाई थी शर्तें
दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन सिस्टम लागू किया था। दिल्ली सरकार की ओर से यह ट्रैफिक कंट्रोल व बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने को लेकर उठाया गया एक कदम था। लेकिन यह सिस्टम लागू करने फैसला ऐन वक्त पर केजरीवाल सरकार ने वापस ले लिया था। असल में आॅड इवन को लेकर एनजीटी की ओर से जो शर्तें निर्धारित की गई थी, उसे सरकार ने मानने में असमर्थता जाहिर की थी। बता दे कि एनजीटी की ओर से कहा गया था कि ऑड-इवन कार ही नहीं, बल्कि दोपहिया वाहनों और पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं पर भी लागू किया जाए। यही नहीं इस सिस्टम से वीवीआईपी को भी अछूता न रखा जाए। एनजीटी की इन शर्तों को मानने में दिल्ली सरकार ने असमर्थता जाहिर की थी।