scriptअसहनीय दर्द से तड़प रही थी गर्भवती महिला, डॉक्टर ने 20 KM कार चलाकर पहुंचाया अस्पताल | pregnant woman was suffering from unbearable pain doctor drove car 20 KM to reach hospital | Patrika News
विविध भारत

असहनीय दर्द से तड़प रही थी गर्भवती महिला, डॉक्टर ने 20 KM कार चलाकर पहुंचाया अस्पताल

डॉ. मुकरम के काम की महबूबाबाद के डीएम ने की तारीफ
एंबुलेंस न उपलब्ध न होने पर महिला को कार से अस्पताल पहुंचाया
मुकरम को मिल चुका है बेस्ट मेडिकल ऑफिसर का अवॉर्ड

May 14, 2020 / 09:37 am

Dhirendra

Mahbubabad PHC

महबूबाबाद पीएचसी में जन्मा बच्चा।

नई दिल्‍ली। कोविद-19 ( Covid-19 ) वायरस महामारी के दौर में कोरोना योद्धाओं ( Corona Warriors ) पर काम का काफी दबाव है। इसके बावजूद तेलंगाना ( Telangana ) के महबूबाबाद में एक डॉक्टर ने असहनीय दर्द से तड़प रही गर्भवती आदिवासी महिला ( Pregnant Tribal Woman ) को अपने घर से 20 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाने का काम किया। डॉक्टर ने खुद की कार से महिला को समय रहते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ( PHC ) पहुंचाकर मानवीयता की मिसाल पेश की है।
दरअसल, महिला को अस्पताल ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस का लंबा इंतजार करना पड़ता। वह इस दौरान वह बच्‍चे को जन्‍म दे सकती थी। महिला की नाजुक स्थिति का ख्याल रखते हुए डॉक्टर ने मानवीयता का परिचय दिया और महिला को उपचार के लिए 20 किलोमीटर दूर पीएचसी तक पहुंचाने का काम किया।
https://twitter.com/hashtag/CoronaWarriors?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
इस बात की पुष्टि महबूबाबाद के डीएम ने ट्वीट कर की है। महबूबाबाद के जिलाधिकारी वीपी गौतम ने भी सोशल मीडिया पर शेयर कर डॉ. मुकरम के काम की प्रशंसा भी की है। साथ ही मुकरम के काम को उदाहरण पेश करने वाला बताया है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर शाम महबूबाबाद जिले के कोलाराम गांव की रहने वाली 28 साल की गर्भवती आदिवासी महिला गट्टी मंजुला को गर्भ का दर्द उठा था। दर्द इतना असहनीय था कि वह किसी भी वक्‍त बच्‍चे को जन्‍म दे सकती थी। उसे तुरंत अस्‍पताल या स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र ले जाने की जरूरत थी। लेकिन उसके गांव से नजदीकी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र की दूरी 20 किमी थी। साथ ही एंबुलेंस भी उपलब्‍ध नहीं थी।
Weather Forecast : इस बार समय से पहले आ रहा है मानसून, Delhi में 23 जून तक दस्तक देने की संभावना

महिला की नाजुक स्थिति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डॉक्‍टर मोहम्‍मद मुकरम के पास मदद के लिए फोन आया। इसके बाद वह जंगलों के बीच से कार चलाते हुए गांव पहुंचे और महिला को लेकर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पहुंचे।
गर्भवती आदिवासी महिला को पीएचसी पहुंचाने के बाद डॉ. मुकरम ने बताया कि मंगलवार की शाम मैं करीब साढ़े आठ बजे घर जाने की तैयारी कर रहा था। तभी कोलाराम गांव की आशा वर्कर पद्मा का फोन आया। आशा वर्कर ने कॉल को इमरजेंसी केस बताया था।
मैं जानता था कि एकलौती उपलब्‍ध एंबुलेंस दूसरी पीएचसी जा चुकी है। एंबुलेंस का इंतजार करने का कोई औचित्‍य नहीं था। इसलिए मैंने अपनी कार निकाली और गांव पहुंचकर महिला को लेकर पीएचसी पहुंच गया। डॉक्टर ने कहा कि मैं सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था।
बता दें कि डॉ. मुकरम को 2017 और 2019 में बेस्‍ट मेडिकल ऑफिसर का अवॉर्ड मिल चुका है। उन्‍होंने कहा कि सभी डॉक्‍टर अच्‍छा कार्य कर रहे हैं। इस एक मामले में समय की कीमत थी। इसलिए मैंने दो बार नहीं सोचा।
CRY Report : लॉकडाउन के चलते 5 साल से कम उम्र के 50% बच्चों को नहीं लगे टीके

जंगलों के बीच सिंगल लेन सड़क पर कुल 70 किमी कार ड्राइव करके रात 9:30 बजे गंगाराम पीएचसी पहुंचे। वहां गट्टी मंजुला ने 2.8 किलो के नवजात को जन्‍म दिया। लेकिन उसका रंग नीला पड़ गया। इसके बाद डॉक्‍टरों ने बच्‍चे को रिवाइव किया। डॉ. मुकरम का कहना है कि इसीलिए उसे पीएचसी पहुंचाना जरूरी था, नहीं तो वह बच्‍चा खो देती या उसकी जान को खतरा होता।

Home / Miscellenous India / असहनीय दर्द से तड़प रही थी गर्भवती महिला, डॉक्टर ने 20 KM कार चलाकर पहुंचाया अस्पताल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो