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भारत से म्यांमार के संबंध
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, म्यांमार एक ऐसा देश है, जहां भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘पड़ोसी पहले’ नीति आकर मिलती है। साथ ही यह आसियन (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संगठन) का एकमात्र सदस्य देश है, जो भारत का जमीनी व समुद्री पड़ोसी देश है।भारत नई दिल्ली की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत दक्षिणपूर्व एशिया के साथ अपने संबंध बढ़ा रहा है। भारत, म्यांमार का एक महत्वपूर्ण विकास सहायक साझेदार भी है और वह देश में कई बड़ी बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। जिसमें भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान मल्टीमॉडल परिवहन परियोजना शामिल है, जो सिट्टवे बंदरगाह को मिजोरम के साथ जोड़ती है।
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2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार के दौरे पर गए थे
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीते तीन वर्षो में म्यांमार के साथ राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा संबंधों में तेजी से वृद्धि हुई है। अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि कोविंद का दौरा, सितंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे और भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन के लिए जनवरी 2018 में सू की के नई दिल्ली दौरे द्वारा उत्पन्न गति को बरकरार रखेगा। दौरे के दौरान संयुक्त बयान जारी किया जाएगा और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।