स्कूलों ने जब अभिभावकों ( Parents ) से फीस मांगी ( School Fees ) तो अभिभावकों ने लॉकडाउन का हवाला देकर फीस जमा करने से इंकार किया। कमोबेश देशभर के हर राज्य में इसको लेकर विवाद बढ़ने लगा। पंजाब और हरियाणा में भी ये बढ़ा।
जून खत्म होने से पहले ही सरकार ने लिया सबसे बड़ा फैसला, इन राज्यों में लागू नहीं होगा अनलॉक-2, जानें क्या है वजह विवाद बढ़ने की स्थिति दोनों पक्ष ने हाईकोर्ट () का दरवाजा खटखटाया। अब इस मामले में पंजाब के अभिभावकों को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्कूलों के पक्ष में फैसले सुनाते हुए अभिभावकों को फीस जमा करने को कहा है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ( Punjab and Haryana High Court ) में स्कूल फीस लिए जाने को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और अभिभावकों को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को राहत देते हुए कहा है कि वह स्कूल ट्यूशन फीस, एडमिशन फीस और एनुअल फीस चार्ज कर सकते हैं।
फीस में नहीं होगी बढ़ोतरी
कोर्ट ने जहां फीस भरने की निर्देश दिया वहीं पैरेंट्स को एक राहत भी दी है। कोर्ट ने कहा है कि स्कूल या कॉलेज प्रबंधन फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते। उन्हें पिछले साल यानी 2019 की तरह ही फीस लेना होगी।
कोई परेशानी है तो सुनी जाए
हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि किन्हीं वजहों से कोई भी पैरेंट बच्चों की फीस नहीं भर पा रहा है तो उसकी समस्या सुनी जाए। इसके साथ ही अगर किसी प्राइवेट स्कूल का खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है तो वो स्थानीय डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर को लिखित में बता सकता है।
फिर मुंबई को दहलाने की कोशिश, पाकिस्तान से आया फोन, ताज समेत तीन होटलों को उड़ाने की दी धमकी इसलिए स्कूलों के पक्ष में निर्णयप्राइवेट स्कूलों का अपने टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को लगातार सैलरी दिए जाने की वजह से और बिल्डिंग पर और अन्य खर्चा हो रहा है इसलिए स्कूलों को राहत देने का फैसला लिया गया।
आपको बता दें कि पंजाब में लगातार पैरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करवा रहे हैं। अकेले रूपनगर जिले में ही 50 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स ने अपने बच्चों के लिए आवेदन दिए हैं। पिछले दिनों में यहां 500 से ज्यादा बच्चों का एडमिशन भी हो चुका है।