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रिपोर्ट में हुआ खुलासा, घर से हिन्दुओं को उठा ले गए थे रोहिंग्या आतंकी, इस्लाम कबूल करने पर छोड़ा जिंदा

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रोहिंग्या समुदाय के कुछ आतंकियों ने ही कुछ समय पहले हिन्दुओं का नरसंहार किया था।

नई दिल्लीJun 02, 2018 / 07:07 pm

Anil Kumar

अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी, ARSA

रिपोर्ट में हुआ खुलासा, घर से हिन्दुओं को उठा ले गए थे रोहिंग्या आतंकी, इस्लाम कबूल करने पर छोड़ा जिंदा

नई दिल्ली। म्यांमार से भाग कर बाग्लादेश और भारत में शरण लेकर रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रोहिंग्या समुदाय के कुछ आतंकियों ने ही कुछ समय पहले हिन्दुओं का नरसंहार किया था। एेमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकियों ने हत्या करने, गांव में आगजनी करने, लोगों को प्रताड़ित करने के साथ ही बड़ी संख्या में हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार भी किया था।

आतंकियों ने 53 हिन्दुओं की कर दी थी हत्या

आपको बता दें कि ऐमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि जान बचाकर भागने वाली कई हिन्दू महिलाओं ने बताया है कि 25 अगस्त 2017 को सबुह के करीब 8 बजे रोहिंग्या आतंकियों के समूह (अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी, ARSA) ने हिन्दुओं के गांव में हमला कर दिया। कुछ आतंकी उसमें से काले कपड़े पहने हुए थे तो कुछ ने सामान्य कपड़े पहने थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकियों ने उस समय गांव से 69 हिन्दू पुरूषों, महिलाओं और बच्चों को उठा लिया था। कुछ समय पश्चात आतंकियों ने ज्यादातर पुरूषों की हत्या कर दी तो वहीं महिलाओं को अपने साथ ले गए और फिर उनसे बलात्कार किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदुओं को आतंकी गांव से बाहर ले गए और सबसे पहले उनके आईडी कार्ड्स को जला दिया गया, जो उन्होंने पहले ही छीन लिए थे। इसके बाद आतंकि महिलाओं को लेकर जंगल में चले गए और 53 हिन्दुओं की हत्या कर दी।। इनमें 20 पुरुष, 10 महिलाएं और 23 बच्चे थे, जिनमें से 14 बच्चों की उम्र 8 साल से भी कम थी।

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एक पीड़िता ने बताया अपना दर्द

आपको बता दें कि रिपोर्ट में एक पीड़िता के हवाले से बताया गया है कि आतंकियों ने उन्हें अगवा कर बांग्लादेश ले गए। पीड़िता ने बताया कि सुबह का समय था और मैं उस समय पूजा कर रही थी के अचानक आतंकि हमारे घर में घुस गए। उनमें से कुछ ने काले कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने बताया कि मैंने उन्हें पहचान लिया कि वे हमारे गांव के नहीं हैं। वे बताती हैं कि आतंकियों ने उन्लोगों से उनके मोबाइल छिन लिए और उन्हें बाहर खड़ा खर दिया जहां और भी हिन्दुओं को खड़ा किया गया था। पीड़िता ने ऐमनेस्टी इंटरनैशनल को बताया कि आतंकियों के पास धारदार हथियार और लोहे की छडें थीं। आतंकियों ने हम सभी के हाथ पीछे कर बांध दिए और आंखों में पट्टी भी बांध दी। जब पीड़िता ने आतंकियों से पूछा कि वे क्या कर रहे हैं तो उनमें से एक ने कहा कि तुम दूसरे धर्म के हो इसलिए यहां नहीं रह सकते हो।

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इस्लाम कबूल करने पर हिन्दुओं को छोड़ा गया जिन्दा

रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकिय़ों ने केवल 16 लोग जिनमें 8 महिलाएं और 8 बच्चे शामिल हैं को ही जिन्दा छोड़ा क्योंकि इन लोगों ने इस्लाम कबूल करने के लिए राजी हो गए थे। आतंकि चाहते थे कि वे महिलाएं उनसे शादी कर लें। रिपोर्ट में लिखा गया है कि एक पीड़िता ने बताया कि मुस्लिम लोग हाथों में तलवार लेकर आए जिसमें खून लगा हुआ था और उनसे कहा कि उन्लोगों ने हमारे पतियों को मार डाला है। बता दें कि रोहिंग्या आतंकियों ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदुओं का कत्लेआम कैसे किया था, ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। आतंकियों ने कम से कम 99 हिंदुओं का कत्ल किया था। हालांकि उत्तरी रखाइन प्रांत के हिंदू समुदाय के लोगों ने जब बांग्लादेश में अपने दोस्तों से महिलाओं को ढूंढने को कहा। तब बांग्लादेश के सुरक्षाबलों ने उनकी सुरक्षा की। बाद में अक्टूबर में 16 महिलाओं को म्यांमार वापस भेज दिया गया।

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