जस्टिस एन.वी.रमन्ना और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने याचिका पर विचार की सहमति दी है। साथ ही केंद्र से याचिका पर चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा। इस याचिका में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधिनियम 2012 के कड़ाई से पालन के निर्देश देने की मांग की गई है। बता दें कि यह अधिनियम इस तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है।
अदालत आबेदा सलीम तड़वी व राधिका वेमुला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। ये दोनों महिलाएं पायल तड़वी व रोहित वेमुला की मां हैं। याचिका में कहा गया, ‘अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्यों के खिलाफ जाति अधारित भेदभाव की कई घटनाएं हुई हैं, जो खुले तौर पर मौजूदा नियमों व अधिनियमों का पालन नहीं किए जाने को दिखाता है। ये घटनाएं समानता, समान अवसर, अस्पृश्यता के उन्मूलन व जीने के अधिकार के मूल अधिकारों का हनन है।’
याचिका में उच्च शिक्षा संस्थानों सहित सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी इक्विटी रेग्युलेशंस की मंशा के अनुरूप इसका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने यूजीसी अधिनियम 2012 के सख्ती से पालन के लिए निर्देश देने की मांग की है।