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किसानों के समर्थन में बाबा राम सिंह ने की आत्महत्या, अनुयायियों में भारी गुस्सा, नहीं करने दिया पोस्टमार्टम

HIGHLIGHTS

Sant Baba Ram Singh Commit Suicide: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन में शामिल बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।
बाबा राम सिंह क अनुयायियों ने उसका पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया।

नई दिल्लीDec 16, 2020 / 10:22 pm

Anil Kumar

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Sikh Priest Baba Ram Singh commits suicide in support of farmers, followers does not allow postmortem

नई दिल्ली। किसान आंदोलन ( Farmer Protest ) का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह ( Baba Ram Singh Commit Sucide ) ने सरकार के रवैये से नाराज होकर आत्महत्या कर ली। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन में शामिल बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।

बाबा के आत्महत्या करने के बाद उनके समर्थकों और अनुयायियों में काफी गुस्सा है। गुस्साए अनुयायियों ने बाबा के शव का पोस्टमार्टम करने से रोक दिया। बाबा राम सिंह का शव जब KCGMC पहुंचा तो अनुयायियों ने उसका पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। अब उनके पार्थिव शरीर को नानकसर गुरुद्वारा सिंघरा ले जाया जा रहा है, जहां हजारों अनुयायी एकत्र हुए हैं।

किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

बाबा के निधन के बाद गुरुद्वारा परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। गुरुद्वारा के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। आत्महत्या करने से पहले बाबा राम सिंह ने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट भी लिखा है। अनुयायियों ने कहा कि महाराज जी ने किसानों के लिए बलिदान किया.. मोदी जी.. अब किसानों की बात सुन लिजिए।

इधर बाबा के सुसाइड के बाद से सियासत भी गरमाने लगी है। तमाम नेता और समर्थक सरकार के रवैये पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बता दें कि बीते किसानों का यह धरना प्रदर्शन बीते 20 दिन से जारी है। बुधवार को लगातार 21वें दिन किसानों का आंदोलन जारी रहा और इससे नाराज बाबा राम सिंह ने सिंघु बॉर्डर के पास आत्महत्या कर ली। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। वे खुद एक किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे।

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अब तक 20 किसानों की मौत

मालूम हो कि किसान आंदोलन के 20 दिन पूरे हो चुके हैं और अब तक 20 किसानों की मौत हो चुकी है। किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत अब तक हुई है। महाराष्ट्र के एक किसान नेता ऋषिपाल ने कहा कि विरोध शुरू होने के बाद से औसतन हर दिन एक किसान की मौत हुई है।

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बता दें कि इससे पहले मंगलवार को कुंडली बॉर्डर धरने पर बैठे 42 वर्षीय किसान मक्खन खान का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह पंजाब के मोगा जिले के गांव भिंडर कलां का रहने वाला था।

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