सुबोध कुमार जायसवाल अगले दो साल के सीबीआई चीफ होंगे। नए सीबीआई चीफ को लेकर काफी जद्दोजहद भी हो चुकी है। जायसवाल की इस पद पर नियुक्ति से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच इस संबंध में कई बार बैठक भी हुई थी।
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सीबीआई के चीफ बनने से पहले सुबोध कुमार जायसवाल पुलिस, जासूसरी और सुरक्षा एजेंसियों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इस साल की शुरुआत में ही उन्हें सीआईएसएफ यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की कमान सौंपी गई थी। अभी वहां रहते हुए सुधार के कुछ कार्यक्रम शुरू कराए ही थे कि उनका तबादला सीबीआई चीफ के तौर पर हो गया।
सुबोध कुमार जायसवाल वर्ष 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर है। उनका कैडर महाराष्ट्र का है। वर्ष 2018 में उन्हें महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया था। जून 2018 से फरवरी 2019 तक ही वह इस पद पर रहे। सेंट्रल डेप्युटेशन पर बुलाए जाने से पहले उन्हें राज्य के डीजीपी पद की कमान सौंपी गई थी।
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उन्होंने खुफिया स्तर पर भी काफी काम किया है और यहां भी उनके काम की सराहना होती रही है। वह करीब एक दशक तक खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़े रहे। हालांकि, वह इससे पहले सीबीआई में कभी नहीं रहे, मगर सीबीआई के हाथों में दिए जाने से पहले मशहूर अब्दुल करीम तेलगी कांड की जांच उन्होंने ही की थी। वह स्टेट रिजर्व पुलिस के चीफ भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उनके खाते में महाराष्ट्र एंटी-टेरेरिज्म स्क्वॉड की कमान भी रही है।
यही नहीं, वर्ष 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ थे। इस मामले को सुलझाने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। इसके अलावा उन्होंने इस घटना के बाद अमरीका सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के साथ भी काम किया है। बहुचर्चित एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए को सौंपे जाने से पहले उनके पास ही थी।