विविध भारत

Sun Halo: बेंगलुरू में आकाश में सूरज के चारों ओर दिखा अद्भुत सतरंगी छल्ला, जानिए इसका मतलब

बेंगलुरु के लोगों ने आज सूरज के चारों ओर एक गोल सतरंगी इंद्रधनुष देखा। ये सुरज से चारों ओर एक छल्ला जैसा नजर आ रहा है। इस अद्धुत नजारे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘सन हालो’ (Sun Halo) कहते हैं।

नई दिल्लीMay 24, 2021 / 02:31 pm

Shaitan Prajapat

Sun Halo

नई दिल्ली। सोमवार (24 मई) की सुबह बेंगलुरु में आसमान में सूर्य के चारों ओर एक इंद्रधनुषी वलय से जगमगा उठा। यह अनोखा नजारा देखकर स्थानीय लोग काफी हैरान रह गए। बेंगलुरु के लोगों ने आज सूरज के चारों ओर एक गोल सतरंगी इंद्रधनुष देखा। ये सुरज से चारों ओर एक छल्ला जैसा नजर आ रहा है। इस अद्धुत नजारे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘सन हालो’ (Sun Halo) कहते हैं। सूर्य के चारों ओर एक चमकीला ‘हेलो’ आज बेंगलुरु में दोपहर के करीब आकाश में देखा गया।

 

यह भी पढ़ें

शुभ संकेत धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार: देश के 200 जिलों में कम हुए रोजाना केस, पॉजिटिविटी रेट में भी घटी


क्या होता है सन हालो
सूर्य के चारों ओर बनने वाले इस सतरंगी घेर को ‘सन हालो’ कहा जाता है। हालो प्रकाश द्वारा उत्पन्न ऑप्टिकल घटना के एक हिस्से का नाम है। वैज्ञानिकों की माने तो यह एक आम प्रक्रिया है। यह तब होता है, जब सूरज धरती से 22 डिग्री के एंगल पर पहुंचता है तो आसमान में नमी की वजह से इस तरह का रिंग बन जाता है। आसमान के सिरस क्लाउड की वजह से ये दोपहर में ही नजर आता है।

देश में दुर्लभ और अप्रत्याशित
हालांकि यह एक दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना के रूप में प्रकट हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि हालो सामान्य घटनाएं हैं जो दुनिया भर में नियमित रूप से देखी जाती हैं। हालांकि ठंडे देशों में उनकी घटना अधिक आम है, उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण भारत में यह दुर्लभ और अप्रत्याशित है। इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। यह तब होता है जब सूरज के पास या उसके आस-पास आसमान में नमी से भरे सिरस बादल होते हैं और यह एक स्थानीय घटना है। इसलिए ये एक इलाके में ही दिखाई देते हैं।

यह भी पढ़ें

Patrika Positive News: स्वयंसेवी संस्थाओं ने खोला दूसरा कोविड केयर सेंटर, 24 घंटे डॉक्टर—ऑक्सीजन सहित इलाज की सभी व्यवस्थाएं


रात में चांद की रोशनी से भी बनता है हालो
ऐसा कहा जाता है कि हालो सिर्फ सूर्य की रोशनी ही नहीं बल्कि रात में भी नजर आ सकता है। कई बार रात में चांद की रोशनी से भी यह अनोखा नजारा देखा जा सकता हैं इसकी वही प्रक्रिया है, जब सूरज या चांद की रोशनी आसमान की नमी से टकराती है और धरती के 22 डिग्री के एंगल से टकराती है तो ये हालो नजर आता है। इसको कई नाम जैसे मून रिंग या विंटर हेलो भी पुकारा जाता है।

Home / Miscellenous India / Sun Halo: बेंगलुरू में आकाश में सूरज के चारों ओर दिखा अद्भुत सतरंगी छल्ला, जानिए इसका मतलब

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.