सुप्रीम कोर्ट: असहमति को दबाने के लिए देशद्रोह कानून का गलत इस्तेमाल कर सकती है सरकार
नई दिल्लीPublished: Jul 15, 2021 05:52:02 pm
भारतीय दंड सहिंता की धारा 124ए की प्रासंगिकता पूछते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, दो सप्ताह में देना होगा जवाब।


Supreme Court of India asks the government about the relevance of sedition law
नई दिल्ली। देश में देशद्रोह (124 ए) के कानून को लेकर बहस बहुत पुरानी है। एक समूह इसके पक्ष में विचार रखता है तो दूसरा विपक्ष में। इसके बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से देशद्रोह के कानून को लेकर एक अहम टिप्पणी की गई है। मुख्य न्यायधीश एनवी रमन्ना ने सरकार से पूछा, "क्या आजादी के 75 साल बाद भी देशद्रोह जैसे क़ानून की ज़रूरत है?" उन्होंने आगे कहा, "देशद्रोह क़ानून एक औपनिवेशिक क़ानून है। किसी समय महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज़ को दबाने के लिए ब्रिटिश सत्ता इस क़ानून का इस्तेमाल करती थी।"