आयुष्मान भारत’ की लॉन्चिंग में जुटी मोदी सरकार, सशक्त राजनीतिक संदेश देने की तैयारी
कानून बनाने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन
वहीं, मॉब लिंचिंग केस में सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने इस मामले पर कानून बनाने पर विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है। बता दें कि अब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए केंद्र सरकार 9 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है।
कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता
आपको बता दें कि मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। कोर्ट ने कहा था कि डर और अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारें सकरात्मक रूप से काम करें। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा था कि वो देखे कि इस तरह की घटनाओं के लिए कानून बन सकता है क्या?
मुआवजा देने की मांग कर रहे लोगों को भी बड़ा झटका
यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जाति और धर्म के आधार पर लिंचिंग के शिकार बने लोगों को मुआवजा देने की मांग कर रहे लोगों को भी बड़ा झटका दिया था। चीफ जस्टिस ने कहा था कि इस तरह की हिंसा का कोई भी शिकार हो सकता है। इसमें सिर्फ वो ही नहीं जिन्हें धर्म और जाति के आधार पर निशाना बनाया जाता है।