सुप्रीम कोर्ट के कॉम्प्लेक्स से मिली खबर के मुताबिक बुधवार को भी मामला सूचीबद्ध नहीं होने से इस पर फैसला नहीं आ सका। जब तक कि शीर्ष अदालत द्वारा अंतिम निर्णय की घोषणा नहीं की जाती है, तब तक इस विषय पर रहस्य बना रहेगा कि क्या अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए अनिवार्य रूप से परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बाद ताश के पत्तों की तरह ढग गया पुल, देखें वीडियो इस मामले में छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा है कि अब तक, इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि मामले में अंतिम निर्णय कब तक दिया जाएगा। इसलिए, छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे आज या कल दिए जाने वाले मामले में फैसले के बारे में किसी भी फर्जी खबर और अफवाहों पर विश्वास न करें।
हालांकि, छात्र और अन्य हितधारक इस मामले पर जल्द निर्णय लेने की उम्मीद कर रहे हैं, जो अनिश्चितता को समाप्त करेगा और छात्रों के दबाव और चिंता को भी कम करेगा। वहीं अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने के बारे में उच्चतम न्यायालय से अभी तक कोई स्पष्टता नहीं होने के चलते देशभर में निकट भविष्य में परीक्षा आयोजित करने के लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी हैं।
पीएम मोदी ने गुजरात में मोढ़ेरा के सूर्य मंदिर का वीडियो किया साझा, जानें फिर क्या कहा यूजीसी ने तय कर लिया है कि बिना अंतिम वर्ष के एग्जाम कराए किसी भी छात्र को डिग्री नहीं देगी। यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन्स में साफ कर दिया था कि सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज 30 सितंबर तक अपने फाइनल ईयर के एग्जाम करा लें। यही वजह है कि कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की रुख किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है, सिर्फ फैसला आना बाकी रह गया है।
अदालत में UGC ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देशभर के विश्वविद्यालयों को आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए कोई भी राज्य सरकार आयोग के निर्देशों के खिलाफ परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं ले सकती।