गुरुवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार
आपको बता दें कि विष्णु खरे के परिवारवालों को सूचना दे दी गई है और वे सभी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। खरे के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट में किया जाएगा। बता दें कि खरे के निधन पर साहित्य जगत और पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों ने अपनी संवेदना प्रकट की है।
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कई सम्मान से हो चुके हैं सम्मानित
आपको बता दें कि बीते 30 जून को हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष पद विष्णु खरे नियुक्त हुए थे। दिल्ली सरकार ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था। इससे पहले वह मुंबई में रहते थे, लेकिन गत दिनों दिल्ली हिंद अकादमी का उपाध्यक्ष बनने पर वह कुछ दिनों से दिल्ली ही रहने लगे थे। बता दें कि हिंदी अकादमी की 18 सदस्यीय संचालन समिति के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। प्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार विष्णु खरे को उनकी महान उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया है। उन्हें नाइट ऑफ द व्हाइट रोज सम्मान, हिंदी अकादमी साहित्य सम्मान, शिखर सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से नवाजा जा चुका है। प्रतिभा के धनी खरे कवि के साथ ही अनुवादक, फिल्म आलोचक, पटकथा लेखक और पत्रकार भी रहे हैं।
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जीवन परिचय
आपको बता दें कि विष्ण खरे का जन्म 09 फरवरी 1940 को मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने इंदौर के क्रिश्चन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया। जिसके बाद 1962-63 में दैनिक इंदौर में उप-संपादक रहे। फिर 1963 से 1975 तक अध्यापन कार्य से जुड़े रहे। इसके अलावा वे दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर भी रहे और साहित्य अकादमी में उप सचिव पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी। विष्णु खरे दिल्ली में नवभारत टाइम्स के सहायक सम्पादक तथा इसी अखबार के लखनऊ और जयपुर संस्करण के संपादक भी रहे। इनकीकई पुस्तकें चर्चा में रही जिनमें ‘सब की आवाज के पर्दे में’, खुद अपनी आंख से तथा आलोचना की पहली किताब शामिल हैं।