मौसम विशेषज्ञों की माने तो अगले दो से तीन दिन देश के दक्षिण इलाके खास तौर पर तेलंगाना में बारिश होने की संभावना है। जबकि अन्य इलाकों में तापमान 40 डिग्री के आस-पास रहने की उम्मीद है।
इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के मुताबिक रविवार तक राजधानी दिल्ली में सूरज ऐसे ही आग उगलता रहेगा। जब तक बंगाल की खाड़ी से बहने वाली पूर्वी हवाएं उत्तर प्रदेश से होती हुई दिल्ली नहीं पहुंच जाती है यहां गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिलेगी। इसके बाद तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। फिलहाल राजधानी दिल्ली में तापमान 45 डिग्री के आस-पास रहने की ही उम्मीद है।
चढ़ते पारे ने कई जगह रिकॉर्ड ही तोड़ दिए। राजस्थान के श्रीगंगानगर में इस बार तापमान 49.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसके बाद प्रदेश में सात दशक पुराना रिकॉर्ड टूटा। चुरू में तापमान 48.5 रहा तो बीकानेर में इसने 46.6 डिग्री को छुआ। सबसे ज्यादा चौंकाया हिमाचल प्रदेश ने यहां पर भी शुक्रवार को साल का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गय़ा। प्रदेश के ऊना में पारे ने 44.7 डिग्री सेल्सियस को छूकर सबको चौंका दिया।
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पंजाब
चंड़ीगढ़
मध्य प्रदेश
बिहार
राजस्थान शिमला में 31 मई सबसे गर्म दिन
मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाके भी सूरज की तपिश से अछूते नहीं है। आमतौर पर गर्मी में ठंडे रहने वाले इन इलाकों में गर्म हवाओं ने अपने रिकॉर्ड स्तर को छुआ है। शिमला 31 मई का दिन सबसे गर्म दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अधिकारियों की माने तो यहां मार्च, अप्रैल और मई को गर्मी का सीजन माना जाता है, लेकिन इस बार जून के पहले हफ्ते तक यहां गर्मी का असर देखने को मिलेगा।
जम्मू में भी चढ़ा पारा
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के साथ-साथ जम्मू में भी चढ़ते पारे ने सभी को परेशान किया है। यहां पर शुक्रवार को पारा 44.5 यानी 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। चिलचिलाती धूप ने लोगों को काफी परेशान किया। आपको बता दें कि वैष्णोदेवी की यात्रा के लिए ज्यादातर जम्मू से होकर ही गुजरते हैं। गर्मी की छुट्टियों में यहां पर पीक सीजन होता है, ऐसे में तपती गर्मी ने श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्टयन पर भी खासा असर डाला है।
आईएमडी ने बताया कि मानसून के इस बार उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य से कम रहने की संभावना है। अल-निनो का असर इस बार मानसून पर देखने को मिल सकता है। जिसके चलते इसके सामान्य से थोड़ा कमजोर रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग पहले ही बता चुका है कि इस बार मानसून 6 जून तक यानी अपनी तय तिथि से पांच दिन लेट केरल पहुंचेगा।
मौसम विभाग की संभावना सही साबित होती है और मानसून इस बार सामान्य से कम रहता है तो इसका असर देश के कई राज्यों पर पड़ सकता है। असर से यहां मतलब है पानी की किल्लत से है। दरअसल मानसून के कमजोर होने की स्थिति में सबसे ज्यादा सूखा जिन राज्यों में पड़ेगा उनमें पीएम मोदी का गृहनगर गुजरात शामिल है। इसके अलावा महाराष्ट्र जो पहले ही पानी की समस्या से जूझ है रहा एक बार फिर सूखे का जख्म गहरा हो सकता है।