दरअसल, बच्चे की मां नूरजहां अपने पति मीठू खान के साथ मुंबई से हावड़ा जा रही साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन के कोच S-10 में यात्रा कर रहे थे। महिला पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर देवड़ा थाना स्थित लौदा गांव की रहने वाली है। बच्चे के पिता मीठू खान ने बताया कि गाड़ी जब मनोहरपुर स्टेशन पार कर रही थी तो इसी दौरान पत्नी शौचालय के लिए गई। जब कुछ समय तक वह नहीं आई तो उसे देखने गया। जब शौचालय का दरवाजा खटखटाया और आवाज दिया तो उसने दरवाजा खोला तो देखा पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया है।
इस घटना के बाद तत्काल इसकी सूचना कोच कंडेक्टर को दी। कोच कंडक्टर द्वारा इसकी जानकारी चक्रधरपुर कंट्रोल द्वारा रेलवे अस्पताल चक्रधरपुर को दिया गया। गाड़ी जब दिन के लगभग चार बजे चक्रधरपुर पहुंची तो प्लेटफार्म पर पहले से मौजूद डॉक्टर रजनीश कुमार व नर्स ने कोच में चढ़कर बच्चे को देखा। बच्चे को साफ-सुथरा कर सुरक्षा के दृष्टिकोण से बच्चे के साथ माता-पिता को चक्रधरपुर में उतरने का आग्रह किया। बच्चा व उसकी मां को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं।
सूचना मिलने के बाद ट्रेन के कोच कंडक्टर ने चक्रधरपुर स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी। वहां पर तत्काल रेल अस्पताल की ओर से जच्चा और बच्चा को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई। इस दौरान लगभग बीस मिनट तक मुंबई-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को चक्रधरपुर में रोका गया। जच्चा-बच्चा सहित उसके तीमारदार को चक्रधर पुर में सकुशल उतारने के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।