बुलढाणा(महाराष्ट्र): हम में से ऐसे कई लोग हैं जो विदेशों में जाकर नौकरी करने का सपना देखते हैं और आज के समय में युवाओं में तो विदेश जाकर रहना, वहां नौकरी करने का बड़ा क्रेज है, हालांकि बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो इस सपने को पूरा कर पाते हैं। क्योंकि उसके लिए बहुत मेहनत की ज़रूरत है, लेकिन अगर आपको यह सुनने को मिले की एक युवक ने अपनी अमेरिका की नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि वह खेती करना चाहता था तो यह बात आपको सुनने में अटपटी जरूर लगेगी।
जी हां! ऐसा ही कुछ किया है इस युवा साइंटिस्ट ने जो अमेरिका की नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस आकर बकरी पालने का काम कर रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के साखखेर्डा गांव में रहने वाले डा. अभिषेक भराड बकरी पालन से ही लाखों कमा रहे हैं। साथ ही हजारों किसानों को मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। उनका गोट फार्म देखने के लिए देशभर से हजारों लोग उसके गांव पहुंच रहे हैं। अभिषेक के पिता भागवत भराड सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे, उनका सपना था कि बेटा पढ़ाई कर अच्छी नौकरी करे और ऐसा हुआ भी। जब अभिषेक को अमेरिका में नौकरी मिली तो उन्हें लगा कि उनका सपना पूरा हो गया।
अभिषेक ने पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ से 2008 में बीएससी करने के बाद अमेरिका से लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स, डाक्टरेट पूरी की। इसके बाद 2013 में उन्होंने साइंटिस्ट के तौर पर लुइसियाना यूनिवर्सिटी में नौकरी भी लग गई जहां उन्होंने 2 साल तक काम किया। उनका नौकरी में मन नहीं लगता था जिस कारण उन्होंने भारत वापस लौटने का फैसला लिया।
भारत वापस आने के बाद अभिषेक ने गोट फार्मिंग का बिज़नेस शुरु करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने पिछले साल 20 एकड़ जमीन लीज पर ली। वहीं एक गोट शेड भी किराए से लिया। साथ ही 120 बकरियां खरीदीं। गोट फार्म के लिए उन्हें 12 लाख रुपए इनवेस्ट करने पड़े। एक साल के भीतर उनकी बकरियों की संख्या दोगुना से ज्यादा हो गई। अब उनके पास 350 बकरियां है। पिछले साल उन्हें बकरियां बेच 10 लाख रुपए मिले थे।
अभिषेक युवा किसानों को खेती को लेकर मार्गदर्शन करते हैं। इसके लिए उन्होंने किसानों का एक ग्रुप बनाया है। ग्रुप के माध्यम से किसानों को लिए मुफ्त वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है। महाराष्ट्र के कई किसानों का इससे फायदा हुआ है। अभिषेक का यह फैसला बहुत से युवाओं को प्रेरणा देगा जिससे हमारे देश की उन्नति में मदद हो।