अफगानिस्तान में बीते 28 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी तालिबान ने कई हमलों को अंजाम दिया था। यहां तक कि मतदान करने वाले एक व्यक्ति के हाथों कि उंगली को काट दिया था।
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अब संयुक्त राष्ट्र ने एक बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने कहा है कि अफगानिस्तान में हाल में राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हो गए।
चुनावी प्रक्रिया के दौरान हुई हिंसा में दर्जनों की मौत
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आठ जून से लेकर 30 सितंबर तक चुनावी हिंसा में 85 लोग मारे गए और 373 अन्य घायल हो गए। चुनाव के दिन हुई हिंसा में 28 आम लोग मारे गए और 249 अन्य घायल हो गए। हताहतों में एक तिहाई से अधिक बच्चे थे।
मृतकों की संख्या काफी अधिक होने के बावजूद अफगान सुरक्षाबलों ने चुनावी दिन को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि तालिबान कोई ऐसा बड़ा हमला करने में विफल रहा जो सुर्खियां बनता।
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रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान ने ज्यादातर हमलों में रॉकेटों, ग्रेनेडों और मोर्टार का इस्तेमाल किया। चुनाव केंद्रों और स्कूलों को निशाना बनाने के लिए देसी बमों तक का इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि 28 जुलाई को चुनाव प्रचार शुरू होने के दिन ही आतंकवादियों ने काबुल में हमला किया जिसमें 21 लोग मारे गए और 50 अन्य घायल हो गए।
हाल के दिनों में तालिबान ने कई हमलों को अंजाम दिया है जिसमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है और तालिबान ने साफ कर दिया है कि अमरीका के साथ किसी भी तरह से कोई वार्ता नहीं होगी।
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