विशेषज्ञों का कहना है कि आइसलैंड के ग्रिम्सवोटन ज्वालामुखी ( Grimsvotn volcano ) में पिछले महीने में भूकंपीय गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं और इसके कारण आइसलैंड का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी जल्द ही फट सकता है। आइसलैंड की मौसम विज्ञान सेवा IMO ने बताया कि सोमवार को देश के उत्तरी तट पर 3,000 भूकंप के झटके आए। इसमें से राजधानी रेकजाविक ( Reykjavik ) में सबसे अधिक तीव्रता के झटके महसूस किए गए। हर तीन में से एक झटके जिसकी तीव्रता 5 से अधिक थी, राजधानी रेकजाविक में दर्ज किया गया। बताया गया कि भूकंप का केंद्र 1,200 लोगों के एक छोटे से गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित था और आइसलैंड के दूसरे सबसे बड़े शहर अकुरेयी ( Akureyri ) से कई किलोमीटर दूर था। बताया जाता है कि Akureyi की आबादी लगभग 20,000 है।
एक दिन में रिकॉर्ड हजारों भूकंप की संख्या को लेकर एक सरकारी संस्थान ने लोगों से अपील की कि इससे चिंता करने की जरूरत नहीं है। संस्था ने कहा कि क्षेत्र में पिछले भूकंप के झटकों की तुलना में आने वाले दिनों में अधिक झटके आ सकते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में इस तरह की गतिविधि बड़ी घटना के बिना खत्म हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के झटकों से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है। हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया कि कई जगहों पर भूस्खलन की घटना हुई है।
फट सकता है ज्वालामुखी ग्रिम्सवोवन
अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में आइसलैंड का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी ग्रिम्सवोवन जल्द ही फट सकता है। इससे पहले आखिरी बार 2011 में ग्रिम्सवॉटन ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। वैज्ञानिक सल्फर डाइऑक्साइड के उच्च स्तर को रिकॉर्ड करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं और बताया है कि भारी मात्रा में मैग्मा निकलता है।
फिलहाल राजधानी रेक्जाविक में हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। एयरपोर्ट बंद होने के कारण 800 से अधिक उड़ानें रद्द हो गई हैं। IMO ने बर्फ पिघलने के कारण आई बाढ़ को जोखिम के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इससे पहले 2010 में Eyjafjallajokull में एक और विस्फोट हुआ था। जिसके कारण आसमान में काला धुआं और राख छा गया था। धुएं और राख के कारण 100,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं थी। इतना ही नहीं घटना में फंसे आठ लाख यात्रियों को भी छोड़ना पड़ा था