पांच साल पहले अमरीका ( America ) और UAE ने संयुक्त रूप से ISIS के प्रचार प्रोपेगैंड़ा को खत्म करने के लिए एक सवाब केंद्र ( Sawab Center ) खोला था। अबू धाबी स्थित इस केंद्र की स्थापना ISIS के ऑनलाइन प्रचार को रोकने के लिए किया गया था।
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बीते पांच साल आतंकियों के लिए एक लंबा समय साबित हुआ है। जिस वक्त केंद्र को खोला गया, मध्य पूर्व का परिदृश्य बहुत अलग था। ISIS नेता अबू बकर अल बगदादी ने एक नया खिलाफत छेड़ा था और देखते ही देखते इराकी शहर मोसुल ( Iraqi city Mosul ) आतंकवादियों के कब्जे में आ गया था। हजारों लोग दुनियाभर से ISIS में सामिल होने के लिए आने लगे थे।
लेकिन आज इराक ( Iraq ) और सीरिया ( Syria ) में करीब-करीब ISIS का खात्मा हो चुका है और बमुश्किल मौजूदगी है। बगदादी मारा जा चुका है। ऐसे में अब नए लोगों की भर्तियां नहीं हो पा रही है। हालांकि ISIS का खतरा अभी दूर नहीं हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि ‘विचारों के युद्ध’ के मैदान और वास्तविक युद्ध के मैदान में अब ISIS की एक दूसरी लहर निश्चित रूप से आ रही है।
पश्चिमी अफ्रीका में दिखेगा ISIS का प्रभाव
ऐसा माना जा रहा है कि ISIS के दूसरे लहर का प्रभाव पश्चिमी अफ्रीका ( West Africa ) में सबसे पहले देखने को मिलेगा। क्योंकि पश्चिमी अफ्रीकी देशों में सेना और आतंकियों के बीच लगातार झड़प देखने को मिल रहा है। पिछले महीने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( US Secretary of State Mike Pompeo ) ने पश्चिम अफ्रीका में ISIS के हमलों को लेकर कहा था कि 2020 में ISIS के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए अमरीका ने 700 मिलियन अमरीकी डॉलर के वैश्विक फंड की मांग की है।
मार्च 2019 में ISIS ने अपने आखिरी इलाके को खोने के बाद पश्चिमी मीडिया में काफी चर्चा रही थी। लेकिन ISIS अभी भी शक्तिशाली बना हुआ है। पिछले 15 महीनों में ISIS ने अफगानिस्तान, श्रीलंका और नाइजीरिया जैसे स्थानों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है।
अब ये कहा जा रहा है कि ISIS ने लड़ाई के लिए ऑनलाइन का तरीका अपनाया है। इसके जरिए न तो रेडिकलाइजेशन की प्रक्रिया रुकी हुई है और न ही हमले। ISIS ऑनलाइन प्रचार युद्ध को जारी रखते हुए विचारों की भयंकर लड़ाई लड़ने की तैयारी चल रही है।
हालांकि ISIS के इस प्रचार प्रोपेगैंड़ा ( virtual propaganda war online ) को काउंटर करने के लिए ब्रिटेन और मलेशिया ( UK and Malaysia ) संयुक्त रूप से लगा हुआ है। ISIS की ओर से कट्टर विचारों को लोगों तो मैसेज के जरिए पहुंचाया जा रहा है। इस तरह के मैसेज को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है। ISIS लोगों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक संदेशों का इस्तेमाल कर रहा है।
ऐसे में अब ISIS को रोकने के लिए पूरी दुनिया को एक नई रणनीति का साथ आगे बढ़ना होगा। अन्यथा स्पॉटलाइट से पीछे हटने का मतलब है कि ISIS आतंकियों की दूसरी लहर अभी भी आने की संभावना है। इसलिए अभी भी बड़ी सतर्कता की जरूरत है।