दरअसल इजरायल दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने अपनी 11.5 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन लगा दी है। वो सिर्फ महज चंद दिनों में। यही नहीं इजरायल ने 60 साल से अधिक उम्र के 41 फीसदी लोगों को भी कोरोना की खुराक दे दी है। अपने इस कदम के साथ इजरायल दुनिया में चल रही कोरोना से जंग में अव्वल बन चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का ऐलान, देश के इन करोड़ लोगों को मुफ्त दी जाएगी वैक्सीन अमरीका और ब्रिटेन का ये हालइजरायल ने जहां दो हफ्ते के अंदर 11.5 फीसदी लोगों को कोरोना की टीकाकरण दे दिया है। वहीं अमरीकी इस दौड़ में अब तक सिर्फ 0.8 फीसदी वैक्सीन दे पाया है। जबकि ब्रिटेन में सबसे पहले शुरू होने के बाद भी 1.4 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन दी जा सकी है।
ये है बड़ी वजह
इजरायल में चीफ इनोवेसन ऑफिसर प्रोफेसर रैन बालिसर के मुताबिक इजरायल की वृहद डिजिटिलाइजेशन, सामुदायिक-आधारित स्वास्थ्य प्रणाली, कानून के तहत हर नागरिक को प्राथमिकता और देश के चार एचएमओ में से एक के साथ पंजीकृत होना इस जंग में आगे निकलने का बड़ा कारण है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री, यूली एडेलस्टीन ने एक साक्षात्कार में कहा कि इजरायल ने ड्रगमेकर्स के साथ एक “प्रारंभिक पक्षी” के रूप में बातचीत की थी। इस दौरान एचएमओ की प्रतिष्ठा और दक्षता को देखते हुए कंपनियों ने इजयरायल में आपूर्ति के लिए रुचि दिखाई।
उन्होंने कहा- वर्ल्ड लीडर बनने में हमारी शुरुआती तैयारी बहुत मददगार साबित हुई। दरअसल आंतरिक राजनीतिक संघर्ष और भ्रमित करने वाले निर्देश के साथ सरकार में जनता के विश्वास की कमी के चलते अक्टूबर में इजराइल काफी हद तक टूट गया था। इसके साथ ही कोरोना मामलों में बढ़ोतरी ने चिंता और बढ़ा दी थी। लेकिन दोबारा लॉकडाउन के बाद इनमें कमी देखने को मिली।
आंकड़ों पर एक नजर
– 9 करोड़ 30 लाख है इजरायल की आबादी
– 10 दिन में 10 लाख लोगों को दी गई वैक्सीन
– 11.56 फीसदी लोगों को लगाई गई वैक्सीन
– 22 लाख लोगों को दी जानी है वैक्सीन
– 4 लाख 26 हजार से ज्यादा मामले कोरोना वायरस के इजरायल में सामने आए
– 3338 लोगों की कोरोना के चलते इजरायल में गई जान
रोजाना 1.5 लाख को वैक्सीन
जेरूसलम में शारे जेडेक मेडिकल सेंटर के अध्यक्ष प्रोफेसर जोनाथन हेलीवी के मुताबिक शुरुआती रणनीति काफी फायदेमंद रही। यही नहीं इजरायल ने 60 और उससे अधिक उम्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और नागरिकों को प्राथमिकता दी। उच्च जोखिम वाली आबादी के अधिकांश को जनवरी के अंत तक फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के दोनों खुराक दिए जाने का लक्ष्य है। रोजाना 1 लाख 50,000 इजराइलियों का टीकाकरण किया जा रहा है।
रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नेत्यानाहू ने टीकाकरण अभियान को एक व्यक्तिगत मिशन के रूप में बनाया है। समझौतों पर हस्ताक्षर करने का श्रेय लेने और आधुनिक और अन्य कंपनियों के साथ फाइजर से लाखों खुराक हासिल करने में अहम भूमिका रही।
नेत्यनाहू ने कहा कि हमने देश में हर वर्ग के लिए वैक्सान एकत्र की। फिर चाहे वो यहूदी हों, अरबी हों या फिर धार्मिक या धर्मनिर्पेक्ष।
तस्वीरों में देखिए देशभर में चलाए जा रहे कोरोना वैक्सीन ड्राय रन का हाल ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाने लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि ये पूरी तरह पवित्र और स्वस्थ्य टीका है।