Coronavirus: सर्दियों में संक्रमण का खतरा बढ़ा, सांस से निकलने वालीं बूंदों से ज्यादा फैलेगी महामारी विशेषज्ञों के अनुसार अगर यह टक्कर हो जाती तो इससे अंतरिक्ष में हजारों मलबे के टुकड़े फैल सकते थे। इससे अन्य देशों की सैटेलाइट्स और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को खतरा हो सकता था। अंतरिक्ष मलबे को ट्रैक करने वाली कंपनी लियोलैब्स ने एक हफ्ते पहले ही इन दो खराब चीजों के टक्कर की संभावना को जताया था।
लियोलैब्स के अनुसार, रूस की कॉसमॉस 2007 को दक्षिणी पोल की तरफ बढ़ते देखा गया था। वहीं चीन के चेंज झेंग 4 सी रॉकेट उत्तर की तरफ बढ़ रहा था। दोनों चीजों की स्पीड 52918 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इसके बाद से लियोलैब्स अपने रडार के जरिए इन दोनों पर नजर रखनी शुरू कर दी।
एक आंकड़े के अनुसार ये दोनों ऑब्जेक्ट्स आपस में 26 से 141 फीट की दूरी से गुजर गए। इससे इनके बीच कोई टक्कर नहीं हुई है। अगर यह टक्कर होती तो आसपास घूम रहे दूसरे सैटेलाइट्स के अलावा अन्य स्पेस मिशन को नुकसान उठाना पड़ सकता था।
फ्रांस: पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की गला काटकर हत्या, राष्ट्रपति मैक्रों ने बताया ‘इस्लामिक आतंकवादी हमला इन दोनों चीजों का संयुक्त द्रव्यमान 2.8 मीट्रिक टन से अधिक था। ऐसे में अगर भारी ऑब्जेक्ट्स के बीच टक्कर हो जाती तो अंतरिक्ष में हजारों टुकड़े नए मलबे के रूप में बिखर जाते।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस समय अंतरिक्ष में करीब 170 मिलियन से अधिक टुकड़े काबड़ के रूप मेें फैले हुए हैं। इससे कई बार गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां इन टुकड़ों पर नजर रख रही हैं। इसके बावजूद इनकी तादात लगातार बढ़ रही है। इसे अब ट्रैक करना एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।
दो प्रकार का होता है अंतरिक्ष मलबा आपको बता दे कि अंतरिक्ष मलबे दो प्रकार होते हैं। पहला मानव निर्मित, वहीं दूसरा प्राकृतिक हैं। मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबे का अर्थ है कि ऐसे टुकड़े जो इंसान द्वारा भेजे गए स्पेसक्राफ्टस या सैटेलाइट्स के माध्यम से फैलते हैं। ये निष्क्रिय हो जाने के बाद गुरुत्वाकर्षण के कारण धरती के चक्कर लगाते हैं। वहीं प्राकृतिक मलबे में छुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड आता है।