वार्ता से अफगानिस्तान के लोगों की भलाई
यह चेतावनी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( unsc ) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ( syed akbaruddin ) ने दी है। अफगानिस्तान के गृहयुद्ध को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि कोई घटनाक्रम की तात्कालिकता के साथ आगे बढ़ रहा है। लेकिन यह शायद अफगानिस्तान के लोगों की जरूरत के हिसाब से नहीं है।’ इसके साथ ही पाकिस्तान पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करना शांति समझौते को आगे बढ़ाने की एक पूर्व शर्त है।’
बिन US-पाक का नाम लिए ही दी चेतावनी
हालांकि, अकबरुद्दीन ने अमरीका या पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके लिए दिया गया संदेश साफ समझ आ रहा था। उन्होंने पाक से बातचीत न करने का आदेश देते हुए कहा, ‘हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि एक सीमापार से हिंसा और आतंकी गतिविधि के लिए समर्थन और सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध करा रहा है। इसके बावजूदउन्हें फायदेमंद जगह से बातचीत की इजाजत दी जाए।’
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खत्म हों सभी आतंकी संगठन: अकबरुद्दीन
अकबरुद्दीन ने कहा, ‘वास्तविक और स्थायी शांति के लिए आतंकी नेटवर्क को मुहैया कराए जाने वाली सुरक्षित पनाहगाही बंद किए जाने की जरूरत है। तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, इस्लामिक स्टेट (IS) और यहां तक कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत अलकायदा और इसके संबंधित समूह को समाप्त करने की जरूरत है।’
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अमरीकी चुनाव के चलते ट्रंप की जल्दबाजी
गौरतलब है कि वाशिंगटन तालिबान के साथ एक शांति समझौते पर पहुंचना चाहता है। ऐसा इसलिए ताकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान में अमरीकी संलिप्तता को खत्म कर और अपनी सेना को वापस बुलाने का अपना चुनावी वादा पूरा कर सकें। ट्रंप चुनाव प्रचार अभियान के मद्देनजर यह कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि अमरीका में अगले साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं।