
कहीं आप भी तो नहीं खरीद लाए नकली पावरबैंक, ऐसे 1 मिनट में पता लगाएं
नई दिल्ली: जब आप स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं तो कुछ देर के बाद आपको पता लगता है कि इसकी बैटरी खत्म होने वाली है और ऐसे में या तो आपको इसे चार्ज करना पड़ता है और या फिर ऑफ कर के रख देना पड़ता है लेकिन अगर आपके पास पावरबैंक है तो आप आसानी से काम करते हुए अपने स्मार्टफोन को चार्ज कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजकल मार्केट में नकली पावरबैंक धड़ल्ले से बिक रहे हैं ऐसे में ग्राहक कभी-कभार गलती से नकली पावरबैंक खरीद लाते हैं लेकिन कुछ समय तक चार्ज करने के बाद ये पावरबैंक खराब हो जाते हैं। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर आप कैसे असली और नकली पावरबैंक में फर्क कर सकते हैं।
ऐसे पता लगाएं
पावर बैंक का वज़न एक बार जरूर चेक कर लें क्योंकि असली पावर बैंक भारी होते हैं। अगर आपको प्रोडक्ट हाथ में लेकर लगता है कि यह काफी हल्का है तो समझ जाएं कि आपको नकली प्रोडक्ट बेचा जा रहा है।
ब्रांडेड कंपनियों के अधिक्तर पावर बैंक 10,000 mAh या 20,000 mAh वाले ही होते हैं। ऐसे में अगर आपको इससे अधिक क्षमता वाले पावर बैंक मिलें तो समझ जाएं की वह प्रोडक्ट नक्ली है।
अगर किसी पावर बैंक पर सिर्फ लोगो ही हो या अन्य जानकारियां साफ लिखी हुई नहीं दिख रही हैं, तो वह नकली प्रोडक्ट है। क्योंकि असली पावर बैंक पर लोगो के साथ-साथ अन्य जानकारियां बिलकुल साफ लिखी होती हैं।
असली पावर बैंक में लाइट, म्यूजिक जैसे अन्य फीचर नहीं होते हैं। अगर आपको एक्सट्रा फीचर का लोभ दे कर पावर बैंक बेचा जा रहा है तो वह पावर बैंक नकली है।
अगर आपको कभी ब्रांडेड कंपनी के पावर बैंक उसके ओरिजनल कीमत से कम दाम में मिल रहे हैं तो उसे ना खरीदे। क्योंकि ऐसे पावर बैंक ब्रांडेड कंपनी के फस्ट कॉपी होते हैं।
पावर बैंक खरीदते समय आप रिटेलर से वारंटी पेपर जरूर मागें। क्योंकि असली पावर बैंक अक्सर वारंटी के साथ आते हैं। इससे आप नकली प्रोडक्ट लेने से बच सकेंगे।
ओरिजनल पावर बैंक अच्छी क्वालिटी के होते है और उनकी फिनिशिंग अच्छी होती है। इस लिए पावर बैंक खरीदने से पहले आप एक बार प्रोडक्ट को अच्छे से जरूर चेक कर लें।
Published on:
07 Oct 2018 11:55 am
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