उसने बताया कि चारों दोस्तों को सुधीर कश्यप ने बताया कि उसकी नौकरी रेलवे में लग गई है। उसने बताया कि रेलवे बोर्ड में सचिव विनोद कुमार उसके परिचित हैं। उन्होंने ही मेरी नौकरी लगवाई है। उसने चारों दोस्तों को झांसा दिया है कि वह चारों की नौकर लगवा देगा। इसके लिए आरोपी ने हरियाणा के कैथल जाकर विनोद कुमार से उनकी मुलाकात कराई।
आरोपी ने विनोद ने सभी को आश्वासन दिया है कि वह रेलवे में ग्रुप-डी में नौकरी लगवा देगा। इसके लिए सभी को 11-11 लाख रुपये खर्च करने होंगे। राजेंद्र, मनीष, सचिन और मनोज नेगी 11-11 लाख रुपये आरोपी विनोद को दे दिए थे। फिर नियुक्ति पत्र आने में समय लगने लगा। इसके बाद विनोद कुमार के राजेंद्र को कभी चंडीगढ़ तो कभी कैथल या करनाल बुलाया।
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खाते में रकम नहीं, काटा चेकआरोपी ने चारों को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए। चारों युवक हठिया ज्वाइनिंग करने पहुंचे तो पता चला कि आरोपी ने नियुक्त पत्र फर्जी दिए हैं। पीड़िता ने अपनी रकम मांगी तो आरोपी ने इन लोगों को करनाल में बुलाकर 44 लाख रुपये का चेक दे दिए। चेक बैंक में जमा किया तो खाते में रकम नहीं नहीं थी।
जिस कारण चेक बाउंस हो गया। पीड़ित ने आरोपी से फोन पर बात की तो उसने चारों के साथ गाली गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।