शर्मनाकः कक्षा तीन की छात्रा से 9वीं व 10वीं के दो छात्रों ने किया दुष्कर्म
आधे डॉक्टर ही तैनात
सीएमओ डॉ एम सी गर्ग के मुताबिक जनपद में स्वीकृत पदों के मुकाबले आधे पदों पर ही तैनाती है। कई सालों से ये 13 डॉक्टर छुट्टी पर चल रहे थे, लिहाजा इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गयीं हैं, साथ ही सभी सातों डॉक्टरों के इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए गए हैं। जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर डॉक्टरों को बहाल किया जाएगा।
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इन्हें किया बर्खास्त
यहां बता दें कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का संकट है। 149 पद स्वीकृत हैं, इनमें 73 डाक्टरों की तैनाती है। कई सालों से 20 डाक्टर अवैतनिक अवकाश पर चल रहे थे। सीएमओ की रिपोर्ट पर शासन ने 20 डाक्टरों की छुट्टी कर दी है। सीएमओ कार्यालय के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांठ के डा. सुधीर कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुंदरकी के डा. योगेश कुमार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरद्वारा के डा. बजरंग पटेल और डा. सौम्य अग्रवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलारी के डा. अनुराग यादव, मैनाठेर के डा. सुहेल आरिफ, डा. मो सरताज, डा. अभिषेक अग्रवाल, डा. सौरभ कुमार शुक्ला, डा. अखिलेश मिश्रा, डा. संजय कुमार, डा. उग्रसेन कुमार और डा. आरिफ की सेवाएं खत्म कर दी हैं। इन सभी चिकित्सकों ने वर्ष 2011 से 2018 के बीच सरकारी अस्पतालों में ज्वाइनिंग की और बाद में ड्यूटी पर नहीं लौटे।
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इन्होने दिया था इस्तीफा
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मूढ़ापांडे के डा. अरविंद आर्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वीरपुर के डा. अनीस, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताजपुर के डा. उमर कामरान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिलारी के डा. अनिल कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताजुपर के डा. पंकज त्यागी, एमसीयू कटघर के डा. खेमराज सिंह और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरद्वारा के डा. शलभ वैश्य का त्यागपत्र स्वीकृत कर दिया है। वर्ष 2012 से 2017 के बीच इन चिकित्सकों ने त्यागपत्र दिए थे।