बता दें कि पिछले सप्ताह कॉलोनी में पलायन के पोस्टर लगाए गए हैं। इस कॉलोनी में सभी हिंदू परिवार रहते हैं। अब कॉलोनी के लोगों का आरोप कि यहां दो गेट हैं और इन दोनों के गेट के फ्रंट में दो बड़े मकानों को मुस्लिम परिवारों द्वारा मोटी कीमत पर खरीद लिया गया है। आरोप है कि अगर आने वाले समय में वो यहां दुकान या कोई दूसरी गतिविधियां करते हैं तो इससे आपसी भाईचारा खत्म होगा। साथ ही गली के अंदर एक पुराना शिव मंदिर भी है, जिसकी वजह से भी भविष्य में परेशानी बढ़ सकती है। इसके चलते वह प्रशासन से इन मकानों की रजिस्ट्री रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़ेंं: ओम प्रकाश राजभर नहीं चाहते यूपी चुनाव में योगी आदित्यनाथ हों सीएम चेहरा, बीजेपी में शामिल होने के लिए रखी ये 7 शर्तें एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कॉलोनी निवासियों ने आरोप लगाया कि बकरीद के दिन यहां कुछ मुस्लिम परिवार आए थे। जिन्होंने मांस के अवशेष रोड पर ही कूड़े के रूप में फेंक दिए थे। जिन्हें लेकर कुत्ते मंदिर के गेट पर छोड़ गए। इसके साथ ही यहां गली में चलने वाली महिलाओं को भी आने-जाने में परेशानी होती है। उधर, इन आरोपों पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने कहा कि कॉलोनी के ज्यादातर मकान बहुसंख्यक समुदाय के हैं। अब यहां कुछ मकानों को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने खरीद लिया है। इसमें आपसी विवाद का मामला सामने आ रहा है। जिसे सुलझाने की कोशिश पुलिस-प्रशासन की ओर से की जा रही है। कुछ स्थानीय निवासी इन संपत्तियों को ख़रीदने में रुचि रखते थे। किसी भी शख़्स को कहीं भी रहने की स्वतंत्रता है। मकानों की जांच की गई तो उन पर बाहर से ताला लटका पाया गया।