उन्होंने हमारे वर्ग के चंद स्वार्थी लोगों का सहारा लेकर क्षेत्रीय पार्टियां व दलों को सक्रिय कर दिया। जो चुनाव में बसपा के वोटबैंक को बांटकर हमारे प्रत्याशी को हरवा देते हैं। मायावती को सुबह 11 बजे पहुंचना था, लेकिन वे 2.18 बजे पहुंचीं। 26 मिनट के भाषण में उन्होंने कांग्रेस-भाजपा सरकारों को कोसा।
बसपा से चुनाव लड़कर विधानसभा-लोकसभा पहुंचने वाले ऐसे नेताओं को स्वार्थी कहा, जो दूसरे दलों में चले गए। हम घोषणा-गारंटियों पर यकीन नहीं करते। हम काम करके दिखाते हैं। भाजपा, मोदी की गारंटी कागजी और हवा-हवाई है। हकीकत यह है कि इन्होंने जितनी घोषणाएं, वादे किए हैं, उनका एक चौथाई काम भी नहीं किया है।
हर हाथ को काम देना होगा
मायावती ने कहा- केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से गरीब परिवारों को अस्थायी तौर पर फ्री में थोड़ी खाद्य सामग्री दे रही है। इससे इनका भला नहीं होने वाला। इनकी समस्या देश में हर हाथ को काम देने से दूर हो सकती है। महंगाई, बेरोजगारी से जनता परेशान है। किसान भी बीजेपी सरकार में शुरू से ही अपनी समस्याओं को लेकर परेशान हैं।
कांग्रेस सत्ता से क्यों बाहर
मायावती ने कहा- आजादी के बाद केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्ता कांग्रेस के हाथ में केंद्रित रही है। दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग विरोधी गलत नीति और कार्यप्रणाली की वजह से कांग्रेस को केंद्र और काफी राज्यों की सत्ता से भी बाहर होना पड़ा है। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टी की भी रही। इस कारण ही फिर बीएसपी को बनाने की जरूरत पड़ी।’